पाकिस्तान इंटरनेशनल मोनिटरी फंड का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार बन चुका है. पाकिस्तान ने तीन बिलियन डॉलर का लोन IMF से अप्रूव कराया है. हालांकि ग्लोबल लेंडर के साथ यह अगले नौ महीने के साथ स्टैंडबाय मोड पर था. कई दौर की बातचीत के बाद IMF ने 3 अबर डॉलर का लोन देने की इच्छा जाहिर की थी. इसके बाद यह IMF का सबसे बड़ा कर्जदार बन गया है.
पाकिस्तान पर भारी आर्थिक संकट छाया हुआ है. यह देश 1947 में आजादी के बाद अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, 31 मार्च 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से अधिक उधार लेने वाले देशों की सूची में पांचवें स्थान पर था. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून न्यूजपेपर के अनुसार, पाकिस्तान इस सूची में चौथे स्थान पर आ जाएगा जब उसे गुरुवार को वाशिंगटन स्थित ग्लोबल लेंडर के साथ किए गए स्टैंड बाय अरेंजमेंट के तहत अगले नौ महीनों में 3 अरब अमेरिकी डॉलर और मिलेंगे.
IMF से किस देश ने लिया सबसे ज्यादा लोन
यह डील जिसे अभी भी IMF बोर्ड की ओर अप्रूवल करने की आवश्यकता है, आठ महीने की देरी के बाद आया है. इससे पहले IMF से लोन लेने के मामले में अर्जेंटीना 46 अरब डॉलर के साथ पहले स्थान पर है. इसके बाद मिस्त्र 18 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर था. वहीं तीसरे स्थान पर यूक्रेन 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ है और इक्वाडोर 8.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ चौथे स्थान पर था, लेकिन अब पाकिस्तान इसे 10.4 अरब डॉलर के साथ पीछे छोड़ देगा.
पाकिस्तान एशिया का सबसे बड़ा IMF कर्जदार
IMF से 10.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लोन के साथ पाकिस्तान इक्वाडोर को पछाड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा IMF कर्जदाता बन जाएगा. गौरतलब है कि कुल 93 देशों पर पैसा बकाया होने के बावजूद पाकिस्तान समेत IMF के टॉप 10 कर्जदार कर्जदार 155 अरब डॉलर का 71.7 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के पास एशियाई क्षेत्र में सबसे बड़ा IMF कर्जदार होने का किताब भी है.
इन देशों ने भी IMF से लिया उधार
इंटरनेशनल मोनिटरी फंड से उधार लेने वाले अन्य एशियाई देशों में श्रीलंका, नेपाल, उज्बेकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य, आर्मेनिया (पश्चिम एशिया) और मंगोलिया जैसे देश शामिल है. IMF के आंकड़े के मुताबिक इस साल 31 मार्च तक ग्लोबल लेंडर ने दुनिया की वित्तीय स्थिति को संतुलित करने और कमजोर अर्थव्यवस्था का समर्थन के लिए 155 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन जारी किया है.