शनि का नाम सुनते ही सभी के मन में अज्ञात डर घर कर जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि को पापी ग्रह माना जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जब भी किसी राशि के जातक शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से गुजरते हैं तो उनके जीवन में कई सारी परेशानियां आती हैं. ये जरूरी नहीं कि शनि सभी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करें, शनि देव मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार शुभ और अशुभ दोनों तरह का फल प्रदान करते हैं. धीमी चाल होने के कारण शनि के शुभ और अशुभ दोनों तरह के प्रभाव का असर लंबे समय तक रहता है. शनि देव कुंभ राशि में वक्री हुए हैं, जिसकी वजह से कुछ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव देखने को मिल रहा है. कौन सी हैं वे राशियां, आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
3 राशि के जातकों पर दिखेगा असर
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि की साढ़ेसाती यदि किसी व्यक्ति की राशि में लगती है तो वो तीन चरणों से होकर गुजरती है. इस समय शनि की साढ़ेसाती का सबसे कष्टकारी समय मीन राशि के जातकों के लिए माना जा रहा है. शनि देव ने 17 जून 2023 से कुंभ राशि में वक्री चाल शुरू की. शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण कुंभ राशि के जातकों पर देखने को मिल रहा है. वहीं, इसका तीसरा चरण मकर राशि के जातकों को प्रभावित कर रहा है. इस समय मीन, कुंभ और मकर राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है अन्यथा आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. शनि की साढ़ेसाती में इन तीन राशि के जातकों को धन और सेहत संबंधी बातों पर विशेष ध्यान देना होगा.
2 राशि के जातकों पर ढैय्या का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंभ राशि में शनि के वक्री होने से कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या का कष्टकारी प्रभाव देखने को मिल रहा है. इस दौरान आपको अधिकतर क्षेत्र में असफलताओं का सामना करना पड़ेगा. शनि की ढैय्या का प्रभाव कर्क राशि के जातकों की कुंडली के आठवें भाव में और वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली के चौथे भाव में देखने को मिल रहा है, जिसके कारण भाग्य का पूरा साथ नहीं मिलेगा. छात्रों को अधिक मेहनत करने की जरूरत है. इस दौरान आपको निराशा भी हाथ लग सकती है. माता के स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बढ़ सकती है.
शनि के कुप्रभाव से बचने के उपाय
- -ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप शनि के कुप्रभाव से बचना चाहते हैं तो शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं.
- -शनि के कुप्रभाव से बचने के लिए शनिवार को शनि मंदिर जाकर शनि चालीसा का पाठ करना लाभकारी हो सकता है.
- -शनिवार के दिन सरसों का तेल और काली उड़द दाल का दान जरूरतमंद लोगों को करने से शनि के कुप्रभाव से मुक्ति मिलती है.
- -इसके अलावा, शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए शनि से जुड़े मंत्रों का नियमित रूप से जाप करना चाहिए.
- -शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो भूल कर भी किसी गरीब या लाचार व्यक्ति को कष्ट न पहुंचाएं.