Azaad-bharat News//सोनम वांगचुक को पुलिस लाई जोधपुर, जेल में 24 घंटे होगी निगरानी: लद्दाख हिंसा के बाद 50+ गिरफ्तार, इलाके में 4 दिन बाद भी कर्फ्यू
लद्दाख में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दो दिन बाद सोनम वांगचुक को लेह पुलिस ने गिरफ्तार किया। अब सोनम वांगचुक को कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष विमान से लद्दाख के बाहर जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। फिलहाल, सोनम वांगचुक जेल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में 24 घंटे की CCTV निगरानी में हैं। सोनम वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया जा सकता है।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनकी पत्नी गीतांजलि अंग्मो ने गिरफ्तारी का विरोध किया। गीतांजलि ने कहा कि बिना किसी कारण पति के साथ अपराधी जैसा व्यवहार हो रहा है और छवि खराब करने के लिए झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
हिंसा के बाद कड़ी कार्रवाई
लद्दाख में राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा की माँग को लेकर हुए प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई और 90 से अधिक लोग घायल हुए थे। पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों के बाद वांगचुक को उनके गाँव उल्याकटोपो से हिरासत में लिया था।
पुलिस का मानना है कि उनकी गिरफ्तारी से आंदोलन कमजोर होगा और शांति बहाल होगी। गृह मंत्रालय (MHA) ने सीधे तौर पर सोनम वांगचुक को लद्दाख हिंसा के लिए दोषी माना है। मंत्रालय ने सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित संस्था SECMOL का FCRA रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया है।
लद्दाख पुलिस ने 50 से अधिक दंगाइयों को पकड़ा है और कई FIR दर्ज की हैं। लेह कस्बे में अब भी कर्फ्यू लगा हुआ है। सुरक्षा कारणों से मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ भी बंद कर दी गई हैं।
माँगों के नाम पर युवाओं को हिंसा के लिए भड़काया
प्रशासन का कहना है कि सोनम वांगचुक की अगुवाई वाला आंदोलन हिंसक हो गया था। इस हिंसा ने पूरे क्षेत्र की शांति भंग कर दी। सोनम वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने माँगों के नाम पर युवाओं को भड़काया था, जिसके बाद लद्दाख में बीजेपी दफ्तर में आग लगाई गई, CRPF की गाड़ी फूँकी गई, पत्थराव हुआ और कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके अलावा सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान हुआ।
वहीं, लेह एपेक्स बॉडी (LAB) ने सोनम वांगचुक का बचाव किया है। हालाँकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत और बड़ी संख्या में लोगों का घायल होना आंदोलन की दिशा पर सवाल खड़े करता है।