Azaad-bharat News/नई दिल्ली। आज लोकसभा सांसदों का शपथ ग्रहण हो रहा है। तो वहीं लोकसभा स्पीकर का 26 जून को चुनाव होना है। स्पीकर चुनाव को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अपनी रणनीति है तो वहीं विपक्ष की अपनी शर्तें।
विपक्ष डिप्टी स्पीकर का पद चाह रहा है और इस स्थिति में ही सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नामित सदस्य के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने की बात कह रहा है। बात इसे लेकर भी हो रही है कि स्पीकर चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के लिए अहम क्यों हैं? हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि NDA कल लोकसभा स्पीकर के उम्मीदवार का ऐलान करेगी।
JDU और TDP का रोल
लोकसभा अध्यक्ष को लेकर एनडीए के घटक दलों ने बीजेपी को फ्री हैंड दे दिया है। एनडीए के घटक दल बीजेपी की ओर से स्पीकर पद के लिए नामित किए जाने वाले सांसद के समर्थन की बात कह रहे हैं।
जेडीयू ने साफ कर दिया है कि स्पीकर के लिए बीजेपी जिसका नाम आगे बढ़ाएगी, पार्टी उसका समर्थन करेगी। वहीं, टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभिराम कोमारेड्डी भी कह चुके हैं कि एनडीए के घटक दल साथ बैठकर तय करेंगे कि हमारा उम्मीदवार कौन होगा। आम सहमति से जिसका नाम तय होगा, टीडीपी समेत सभी सहयोगी दल उसका समर्थन करेंगे।
कैसा है लोकसभा सांसदों का समीकरण?
लोकसभा के नंबरगेम की बात करें तो इस बार तस्वीर 2014 और 2019 के मुकाबले अलग होगी। एनडीए की अगुवाई कर रही बीजेपी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन दो चुनाव बाद पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 272 के जादुई आकंड़े से पीछे रह गई। लोकसभा में एनडीए का संख्याबल 293 है।
वहीं, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन राहुल गांधी दो सीट से जीते थे इस लिहाज से सांसदों की संख्या 98 थी। राहुल ने वायनाड सीट छोड़ दी है। ऐसे में पार्टी की सीटें भी अब 98 हो गई हैं। कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक के 233 सांसद हैं। सात निर्दलीय समेत 16 अन्य भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।