हर छोटी बड़ी खबर हमारे पोर्टल में पब्लिश करने के लिए संपर्क करें|

अपने प्रतिष्ठान का विज्ञापन देना चाहते हैं, 78693-95311, 7999739156 पर संपर्क करें |

हर छोटी बड़ी खबर हमारे पोर्टल में पब्लिश करने के लिए संपर्क करें|

अपने प्रतिष्ठान का विज्ञापन देना चाहते हैं, 78693-95311, 7999739156 पर संपर्क करें |

Header Ad

समाज में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सार्थक भूमिका निभाएं पत्रकार


अन्य 30 May 2022
post

परशुराम उपाध्याय सुमन, वरिष्ठ पत्रकार, प्रतापगढ़

विदेशी शक्तियों ने भारत देश पर आक्रमण किया और भारत में लंबे समय तक शासन किया। इतना ही नहीं उसने अपने आतंक से समय-समय पर भारत को लूट कर देश को तबाह करने की भी कोशिश की। देश पूरी तरह से अधीनता की बेडिय़ों में जकड़ा हुआ था। देश को आजादी दिलाने में पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी जैसे देशभक्तों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, महारानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे वीर शहीदों के बलिदान से 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। ब्रिटिश सरकार गिर गई और अंग्रेजों को भारत छोड़कर वापस लौटना पड़ा।

देश को चलाने के लिए संविधान निर्माण समिति का गठन किया गया।  30 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को विधिवत लागू किया गया। संविधान में दी गई व्यवस्था के अनुसार पूरे देश के संचालन को चार भागों में बांटा गया था। संविधान के संचालन की सारी जिम्मेदारी लोकतंत्र के चार स्तंभों-विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और पत्रकारिता को दी गई। 

यह एक निर्विवाद सत्य है कि विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और पत्रकारिता को दिए गए अधिकारों और कर्तव्यों को पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन चुनौतियों से भरे माहौल में लगभग सभी स्तंभ अपने रास्ते से भटक रहे हैं। हर किसी की अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है, लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता का महत्व, जिसे भारत के संविधान के संचालन में दी गई व्यवस्था में प्रदर्शित किया गया है, किसी अन्य स्तंभ के महत्व से कम नहीं है।

बिना किसी उपयुक्त साधन के शहर से लेकर देहात तक पत्रकारिता में लगे साथी पत्रकार अर्थव्यवस्था से जूझ रहे हैं, फिर भी उन्हें अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता का मानक स्थापित करना है। इसी निष्पक्षता से गरीब, असहाय, दलित, मजदूरों को न्याय दिलाने में सफलता मिल रही है। आज सोशल मीडिया एक बड़ी भूमिका निभा रहा है, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और टेलीविजन की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

मैं देश के सभी पत्रकार भाइयों से निवेदन करता हूं कि वे अपनी गरिमा बनाए रखें और पत्रकारिता को एक मिशन बनाएं। सच को सच लिखें, झूठ को झूठ की तरह लिखें, अपनी कलम को निडरता और निडरता से इस्तेमाल करें। देश के तथाकथित लुटेरों से दूर रहें और अपनी कलम का इस्तेमाल करें। 

गरीबों का कल्याण तेज धार से करें, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का ध्यान अपने मीडिया के माध्यम से उन्हें न्याय दिलाने के लिए आकर्षित करें। समाज के सामने उनके जनविरोधी कारनामों को बेनकाब करें और उन्हें बेनकाब करें।

मेरा मानना है कि भारत के संविधान में दी गई लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत पत्रकारिता के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए चौथे स्तंभ की महत्वपूर्ण भूमिका है, अगर हमारे पत्रकार भाई पत्रकारिता को एक मिशन मानकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे, तो वे निश्चित रूप से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होंगे। उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

मैं प्रतापगढ़ जिले का एक छोटा सा समाजसेवी हूं और जनहित में कुछ लिख कर अपनी जिम्मेदारी निभाने का प्रयास कर रहा हूं। 30 मई पत्रकारिता दिवस के पावन अवसर पर मैं आप सभी पत्रकार भाइयों और देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

Also Read :  पत्रकारिता के क्षेत्र में अनाधिकृत घुसपैठ को रोकने की जरुरत

journalism day

You might also like!




RAIPUR WEATHER

हर छोटी बड़ी खबर हमारे पोर्टल में पब्लिश करने के लिए संपर्क करें|

अपने प्रतिष्ठान का विज्ञापन देना चाहते हैं, 78693-95311, 7999739156 पर संपर्क करें |

हर छोटी बड़ी खबर हमारे पोर्टल में पब्लिश करने के लिए संपर्क करें|

अपने प्रतिष्ठान का विज्ञापन देना चाहते हैं, 78693-95311, 7999739156 पर संपर्क करें |