देवघर. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की शुरुआत हो चुकी है. आज सावन का पहला दिन है. पूरा देवघर गेरुवा वस्त्र पहने शिवभक्तों से पट चुका है. देवघर की गली-गली में हर-हर महादेव और बोल बम के नारे गूंज रहे हैं. अहले सुबह से ही भक्त जलार्पण के लिए कतार में लगे हुए थे. आज से मंदिर में स्पर्श पूजन बंद हो गया है. मंदिर के गर्भगृह में अर्घा लगाया गया है. धार्मिक शास्त्र के अनुसार शिवजी को सावन का महीना अतिप्रिय है. मान्यता है सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करनेवालों की सारी मनोकामना पूर्ण होती है. वहीं भीड़ को नियंत्रित करने में जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखा.
छत्तीसगढ़ से आए श्रद्धालु ने लोकल 18 से कहा कि वह हर साल यहां पूजा-अर्चना के लिए आता है. हर साल की तुलना में इस साल व्यवस्था काफी अच्छी है. बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने में कोई दिक्कत नहीं हुई. वहीं कांवड़ यात्रा के बारे में बताया कि भले सुल्तानगंज से जल उठाकर देवघर पहुंचने में 4 से 5 दिन का समय लगता हो, लेकिन इस यात्रा में किसी भी तरह का कष्ट नहीं होता है. हर-हर महादेव व बोल बम के नारों के बीच नाचते कूदते यहां पहुंच जाते हैं.
अर्घा की व्यवस्था
देवघर के तीर्थंपुरोहित जय वैद्यनाथ ने बताया कि इस साल भोले नाथ पर जलार्पण के लिए अर्घा की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है. मान्यता है कि इस महीने जो जलार्पण करेंगे, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. यहां आनेवाले भक्तों की यात्रा सुखद व सफल हो, इसके लिए मंदिर प्रशासन की ओर से मुकम्मल तैयारी की गई है.
वीआईपी सेवा बंद
सुरक्षा के दृष्टिकोण से सावन भर वीआईपी सेवा बंद कर दी गई है. शीघ्रदर्शनम में भी लम्बी कतार लग रही है. वैसे तो आम दिनों मे शीघ्रदर्शनम का शुल्क 250 रुपये रहता है. लेकिन सावन में इसे 500 रुपये कर दिया गया है. इस साल सावन में मलमास पड़ रहा है. जिसके चलते सावन 2 महीने तक रहने वाला है.
पुण्य का अवसर
ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी का कहना है कि वह भी सावन का इंतजार करती है. ताकि सावन में जल लेकर बाबा बैद्यनाथधाम पर जलाभिषेक करने आए श्रद्धालुओं की सेवा कर पुण्य की भागी बन पाए.