सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म को मानने वाले प्रत्येक घर में आपको तुलसी का पौधा मिल जाएगा. तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानकर हर घर में इसकी पूजा की जाती है. तुलसी ना सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर होती है. बल्कि इसमें दैवीय शक्ति भी समाहित होती है. ये पौधा जिस घर में होता है वहां धन-धान्य, सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है. इस पौधे की देखभाल के लिए ज्योतिष शास्त्र में विशेष नियम बताए गए हैं. जिनका पालन करने से ना सिर्फ भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहती है. बल्कि माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. आप भी चाहते हैं कि आपके घर में तरक्की हो, सकारात्मक ऊर्जा का वास हो. तो कुछ नियम बताए गए हैं जिनके अनुसार तुलसी में जल चढ़ाना बेहद लाभकारी हो सकता है.
1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी में भूलकर भी बिना स्नान किए और कुछ खाने के बाद जल अर्पित करने से वह रूठ जाती हैं. जिससे आपके घर में दुख दरिद्रता पसरने लगती है.
2. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बात का ध्यान रखें कि जब भी तुलसी में जल अर्पित करें ऐसे कपड़े को ना धारण करें जो सिला हुआ हो. यानी बिना सिला कपड़ा पहनने के बाद ही तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए.
3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी माता पर भूलकर भी रविवार और बुधवार के दिन जल अर्पित नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन देवी तुलसी विश्राम कर रही होती हैं. इस दिन जल अर्पित करने से वे रूठ सकती हैं.
4. कहा जाता है कि एकादशी के दिन भी तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए. क्योंकि एकादशी के दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत रखती हैं.
2 बातों का रखें ध्यान
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तुलसी के पौधे में जरूरत से ज्यादा पानी ना डालें. इससे पौधा खराब हो सकता है जो अशुभ माना जाता है.
तुलसी के पौधे में हमेशा सूर्योदय के समय जल अर्पित करना शुभ और मंगलकारी माना जाता है. ऐसा करने से आपके हर काम बिना किसी अड़चन के बनते चले जाते हैं.