क्विक-कॉमर्स स्टार्टअप जेप्टो (Zepto) ने 1.4 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर 20 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है। इस तरह, 11 महीने के बाद भारत की कोई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनी है। यूनिकॉर्न ऐसी स्टार्टअप कंपनी को कहते हैं, जिसका वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर या इससे ज्यादा हो।
जेप्टो की सीरीज ई (Series E) की फंडिंग की अगुवाई अमेरिकी एसेट मैनेजमेंट फर्म स्टेपस्टोन ग्रुप (StepStone Group) ने की है और इसमें गुडवॉटर कैपिटल (Goodwater Capital) और कुछ मौजूदा निवेशकों को भी शामिल किया गया है। मई में जेप्टो का वैल्यूएशन 90 करोड़ डॉलर था।
यह फंडिंग विशेष तौर पर अहम इसलिए है, क्योंकि जेप्टो इस साल 1 अरब डॉलर से ज्यादा के वैल्यूएशन वाली पहली भारतीय स्टार्टअप कंपनी है यानी भारत में इस साल अब तक कोई यूनिकॉर्न नहीं थी।
भारत में पिछली यूनिकॉर्न मोलबियो डायग्नोस्टिक्स (Molbio Diagnostics ) थी, जिसने सितंबर 2022 में यह दर्जा हासिल किया था। साल 2021 में स्टार्टअप कंपनियों के लिए फंडिंग बूम का दौर था और इस दौरान हर हफ्ते कोई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन रही थी। 2021 में कुल 44 स्टार्टअप फर्में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुईं और पिछले साल इस लिस्ट में 23 कंपनियां शामिल हुईं। इसके बाद निवेशकों ने स्टार्टअप में निवेश को लेकर सख्ती कर दी और चुनिंदा स्टार्टअप्स में ही निवेश करने लगे।
Zepto को मिली कुल 20 करोड़ डॉलर की फंडिंग में से 10.5 करोड़ डॉलर स्टेपस्टोन ग्रुप और गुडवॉटर कैपिटल की तरफ से मुहैया कराए गए हैं। दोनों मुंबई की इस कंपनी में नए निवेशक हैं। स्टेपस्टोन ने इस स्टार्टअप में 7.5 करोड़ डॉलर निवेश किया है, जबकि गुडवॉटर कैपिटल ने 3 करोड़ डॉलर लगाए हैं। जेप्टो को बाकी 9.5 करोड़ डॉलर मौजूदा निवेशकों, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स (Nexus Venture Partners), ग्लेड ब्रूक कैपिटल (Glade Brook Capital) और लैची ग्रूम (Lachy Groom) से मिले हैं।
कंपनी के को-फाउंडर आदित पलिचा (Aadit Palicha) ने बताया कि अगर नेक्सस को छोड़ दिया जाए, तो कंपनी ने किसी भी भारत-केंद्रित वेंचर कैपिटल फंड से ज्यादा फंड नहीं जुटाया है। हालांकि आने वाले वर्षों में यह ट्रेंड बदल सकता है।
जेप्टो का मुकाबला जोमैटो (Zomato) के मालिकाना हक वाली कंपनी ब्लिनकिट ( Blinkit), स्विगी इन्स्टास्मार्ट (Swiggy Instamart), रिलायंस की फंडिंग वाले डंजो (Dunzo), टाटा का बिगबास्केट (अब BB) से है। जेप्टो द्वारा इनवेस्टर्स को दी गई जानकारी के मुताबिक, ऑर्डर वॉल्यूम के मामले में कंपनी तीसरे स्थान पर है।