1685108220
Chhattisgarh

धर्मांतरित परिवार के खेत में किया काम तो करेंगे दंडित: ईसाइयों को शव दफनाने नहीं देंगे जमीन, ग्रामसभा में लिया गया सख्त निर्णय



जगदलपुर37 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच दिया।  - दैनिक भास्कर

कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच दिया।

छत्तीसगढ़ में बस्तर के एक गांव में ईसाइयों को मृत व्यक्ति के शव को दफनाने नहीं दिया जाएगा। न ही उनसे किसी भी तरह का संपर्क किया जाएगा। यदि कोई भी वर्णित धर्म किसी परिवार के खेत या घर में काम करता पाया गया तो उस पर 5 हजार 5 सौ 51 रुपए का अर्थदंड लगाया जाएगा। इसके अलावा गांव की सीमा के अलावा अन्य किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के अलावा अन्य कोई भी धार्मिक कार्यक्रम धर्म का प्रचार-प्रसार नहीं करेगा।

दरअसल, टोकापाल ब्लॉक के बड़े आरापुर गांव के फैसले ने 23 मई को ग्राम सभा का आयोजन किया था। इस ग्रामसभा में कुल 17 शक पर सावधानी बरतने का फैसला लिया था। आज शुक्रवार को इस गांव के सैकड़ों ग्रामीण जगदलपुर में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। उन्होंने ग्राम सभा में पारित किए गए फैसले को प्रशासन को दिया। दर्ज़ ने बताया कि, गाँव के पुजारी, गायता सहित सैकड़ों ग्रामीण इस ग्रामसभा में मौजूद थे।

करीब 10 महत्वपूर्ण के माध्यम से पहुंचे सैकड़ों विविध।

करीब 10 महत्वपूर्ण के माध्यम से पहुंचे सैकड़ों विविध।

गाँव वालों का कहना है कि ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार और आदिवासियों के धर्म परिवर्तन से गाँव का माहौल बिगड़ा है। भाईचारा, शांति भंग का माहौल बना हुआ है। गांव की परंपरा, रीति-रिवाज सब खत्म हो रहा है। किसी भी धर्म के लोगों को आदिवासी समाज की परंपरा और रीति-रिवाज को खत्म करने का अधिकार नहीं है। यदि ऐसा होता है तो ग्राम सभा में उसे मान्यता दी जाएगी।

ठोकर में पहुंचे ग्रामीण।

ठोकर में पहुंचे ग्रामीण।

इन मुख्य खोज निर्णय पर लिया गया

  • ग्राम की भूमि के अधिशासी-विक्रय एवं अधिवसी के लिए ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य होगी। यदि कोई व्यक्ति या प्रशासन बिना अधिकार के प्रशासक-विक्रय करता है तो ग्रामसभा उसे अपने अधिकार का उपयोग करते हुए निरस्त कर सकता है।
  • व्यापार करने वाले लोगों को गांव में प्रवेश से पहले आधार कार्ड, परिचय पत्र, फोटो, मोबाइल नंबर, आवेदन, दिन, समय, व्यापार मूल्य, बाजार मूल्य ग्राम सभा को देंगे। व्यवसाय करने की अनुमति दें। बग अनुमति से कोई व्यक्ति व्यापार करता है तो उसे ग्रामसभा के रूप में देखें।
  • गांव की परंपरा और पारंपरिक प्रथाओं को छोड़कर बाहरी धार्मिक त्योहारों को गांव में नहीं मनाया जाएगा।
  • ईसाई धर्म के पूर्वजों वाले परिवार के सदस्यों की यदि मृत्यु हो जाती है तो उन्हें शव दफनाने के लिए जमीन नहीं दी जाएगी।
  • गांव में शादी, अन्य घटनाओं में शामिल होने की अनुमति माटी पुजारी की अनुमति से दी जा सकती है।

खबरें और भी हैं…



Source link