कांग्रेस (Congress) नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने जोर देकर कहा कि उनका पार्टी आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajsthan Assembly Election) में ‘एकजुट’ होकर लड़ेगी। मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला चुनाव बाद विधायक दल की सलाह पर आलाकमान करेगा। पायलट न भरोसा जताया कि कांग्रेस इस बार राजस्थान में ‘हर 5 साल में सरकार बदलने’ के ट्रेंड को तोड़ने जा रही है और अधिक सीटों के साथ सत्ता में वापसी करेगी। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और इस वक्त सभी की प्राथमिकता और कोशिश राज्य में पार्टी को चुनाव जीताने की है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ एक बातचीन ने सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 के राजस्थान चुनावों में किए गए सभी चुनावी वादों को पूरा किया है और इसी कारण उन्हें यकीन है कि वे बीजेपी को हरा पाएंगे।
राजस्थान में अभी कांग्रेस की सरकार है और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं। हालांकि सचिन पायलट ने कुछ दिनों पहले एक बयान में कहा था कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी चुनाव में बिना किसी सीएम पद के चेहरे के उतरेगी और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। इस बारे में सवाल पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि यह न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में कांग्रेस की परंपरा और परिपाटी रही है।
उनका कहना था, “एक बार जब हम चुनाव जीत जाते हैं और बहुमत हासिल कर लेते हैं, तो उसके बाद विधायक और पार्टी नेतृत्व तय करते हैं कि विधायक दल का नेतृत्व कौन करेगा। यह कोई नई बात नहीं है। यह दशकों से कांग्रेस की पंरपरा रही है और अगले कुछ महीने में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, हम वहां भी इसी नीति के साथ जाएंगे।”
सचिन पायलट ने इन 3 लोगों पर छोड़ा CM पद का फैसला
कांग्रेस की तरफ से CM पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर सचिन पायलट ने कहा, “(मल्लिकार्जुन) खरगे जी, राहुल (गांधी) जी और सोनिया जी हमारे नेता हैं और राजस्थान में हमारी कांग्रेस सरकार है। इसलिए हमें पहले एकजुट होकर काम करना होगा ताकि चुनाव जीता जा सके। अगर हमें बहुमत मिलता है तो फिर विधायकों से विचार विमर्श किया जाएगा और फिर आलाकमान उसके आधार पर फैसला करेगा कि सरकार की कमान किसे सौंपी जाए।”
यह पूछे जाने पर कि अशोक गहलोन ने कुछ समय पहले उन्हें ‘निकम्मा’, ‘नाकारा’ और ‘गद्दार’ जैसे नामों से बुलाया था और क्या वह इन बातों को भूल चुके हैं, पायलट ने कहा, “मैंने अपने सभी सार्वजनिक बयानों में हमेशा सम्मान और संयम दिखाया है। मेरे मूल्य और संस्कार मुझे ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देते जो हमारी बातचीत की गरिमा को कम कर दे।” उन्होंने कहा, “मैंने जो मुद्दे उठाए उनका आलाकमान ने संज्ञान लिया और उनके समाधान के लिए कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।”
पायलट ने दावा किया कि भाजपा राज्य में बुरी स्थिति में है और अपने संगठन के भीतर ही कई तरह की लड़ाइयों का सामना कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा केंद्र में सत्ताधारी दल की भूमिका नहीं निभा पाई और उसने लोगों को निराश किया। साथ ही वह राजस्थान में भी विपक्ष की भूमिका का निभाने में विफल रही।