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Chhattisgarh

दलपत सागर में डाला गया दो हजार बैकिरियल ई बॉल: जलकुंभी को खत्म करने का नया प्रयोग, 2 लाख 60 हजार ई बॉल डाल की जाएगी सफाई



सुकमाएक घंटा पहले

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दलपत सागर से जलकुंभियों को नष्ट करने वाले 2 हजार बैकिरियल ई बॉल की शुरुआत की गई है।  - दैनिक भास्कर

दलपत सागर से जलकुंभियों को नष्ट करने वाले 2 हजार बैकिरियल ई बॉल की शुरुआत की गई है।

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित दलपत सागर से जलकुंभियों को पहली बार बैकिरियल ई बॉल को नष्ट करने का प्रयोग किया गया है। संडे को कलेक्टर सहित प्रशासन की टीम और स्थानीय लोगों ने मिलकर करीब 2 हजार बैकिरियल ई बॉल की शुरुआत की है। ऐसा बताया जा रहा है कि दलपत सागर से जलकुंभियों का जड़ से सफाया करने के लिए 2 लाख 60 हजार ई बॉल का प्रयोग किया जाएगा। प्रशासन का दावा है कि, इससे दलपत सागर पूरी तरह से जलकुंभियों को साफ कर देगा।

बस्तर जिले की विजय दयाराम के. उन्होंने कहा कि पहली बार बस्तर में इस तरह का प्रयोग किया गया है। इससे पहले अंबिकापुर के एक तालाब में जलकुंभियों का सफाया करने से बैकिरियल ई बॉल का प्रयोग हो चुका है। इसके परिणाम काफी अच्छे थे। अब जगदलपुर के दलपत सागर से जलकुंभियों को नष्ट करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। शोक संतप्त नगर निगम की टीम रोज सफाई अभियान भी चला रही है। हालांकि, इसका ज्यादा सुखद परिणाम अब तक नजर नहीं आया।

सफाई करते हुए निगम की टीम सहित।

सफाई करते हुए निगम की टीम सहित।

जानिए ई बॉल क्या है
बैक्टिरियल ई बॉल संबंध्ी यानी निर्वाचित का गोला है। जिनमें मुख्यत 14 प्रकार के बैक्टीरिया शामिल हैं। इसमें मौजूद टी 64 और टी 14 जलकुंभी और हाइड्रिला के जड़ को खाता है। वहीं अन्य बैक्टीरिया जलशुद्धि का कार्य करते हुए पी एच मान और टी डी एस को संतुलित करने का कार्य करते हैं। जल के शुद्धिकरण के लिए प्रति एकड़ 720 ई बॉल का प्रयोग बेशककता होगा।

महापौर और जिला अध्यक्ष भी सफाई अभियान में जुटे।

महापौर और जिला अध्यक्ष भी सफाई अभियान में जुटे।

विधायक रिसचंद जैन ने कहा कि दलपत सागर को स्वच्छ बनाने के लिए हम सबकी जिम्मेदारी है। क्योंकि यह हमारी विरासत है। यह कार्य केवल शासन-प्रशासन का नहीं है। इसे स्वच्छ बनाना हम सभी का दायित्व है। जो जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों के साथ मिलकर आमजनों को उत्साहित करता है, उससे लगता है कि हमें सफलता अवश्य मिलेगी। महापौर सफिरा साहू ने कहा कि पिछले तीन चार वर्षों से दलपत सागर के संरक्षण, संरक्षण, स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। हालांकि जलकुंभियों की समस्या अभी भी बनी हुई है।

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