रायपुर7 घंटे पहले
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आदिवासी ओरल ट्रेडिशन फेस्टिवल 2023′ आदिवासियों की वाचिक ब्रोकर पर आधारित छत्तीसगढ़ में स्थिति जा रही है। आदिम राष्ट्रीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (TRTI) द्वारा नवा रायपुर में इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय और राज्य शासन के सहयोग से आदिवासी जीवन से संबंधित वाचिक परंपरा के संरक्षण, संवर्धन और उनके दस्तावेज़ीकरण का मकसद 25 से 27 मई तक ये घटना होगी। किन राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों के जनजातीय वाचकों द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा के विभिन्न विधानों के तहत अपना प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार इस महोत्सव में 9 विधानों का वाचन किया जाएगा। जिन ‘जनजातीय देवी-देवता एवं मड़ई मेले के संबंध में वाचिक ज्ञान, फाइल में प्रचलित लोक कथाएँ, प्रलोभ में प्रचलित कहावतें और लोकोक्तियां, जनजातीय लोकगीत, उनके अभिप्राय और भावार्थ, जनजातीय तीज-त्यौहार से संबंधित वाचिक ज्ञान प्रस्तुत किए जाएंगे।
इसके अलावा जनजातीय जीवन संस्कार (जन्म, विवाह, मृत्यु आदि) के अलावा समाजवादी वैध प्रशासन, जनजातीय समुदाय की उत्पत्ति संबद्ध धारणा और वाचिक ज्ञान, जनजातीय समुदाय में गोत्र व्यवसाय और गोत्र लोगो की अवधारणा संबंधी वाचिक ज्ञान, नामांकन में प्रचलित विशिष्ट विज्ञापन (गोदना, लाल) आवासा, घोटूल, धनकुल, दुनिया, जात्रा, धुमकुरिया) जैसे ऋतिक रेखण और उदासीन ज्ञान और विश्वास’ पर वाचन किया जाएगा।

कार्यक्रम में जनजाति संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
यह संपर्क संस्थान के नव निर्मित भवनों में होगा। कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि आदिम जाति और क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और कार्यक्रम के अध्यक्ष कार्यकारी सचिव द्वारिकाधीश यादव की ओर से होंगे।
‘ट्राइबल ओरल ट्रेडिशन फेस्टिवल 2023’ की स्थापना के बाद संस्थानों द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा के संरक्षण और दस्तावेजों के लिए पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाएगा। किन कार्यक्रम में पेश किए गए विषयों के साथ-साथ राज्य के अन्य जनजातीय समुदायों के व्यक्तियों से भी जनजातीय वाचिक परंपरा के क्षेत्र में प्रकाशन के लिए कानूनी दस्तावेज आमंत्रित किए गए हैं।