चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के रोव पर लगे दो कैमरे नोएडा के एक टेक स्टार्ट-अप के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर चंद्रमा की सतह की जांच करेंगे। चंद्रयान के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर से काम कर रही ‘ओम्नीप्रेजेंट रोबोट टेक्नोलॉजीस’ (Omnipresent Robot Technologies) ने प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के लिए ‘पर्सेप्शन नेविगेशन सॉफ्टवेयर’ विकसित किया है, जो विक्रम लैंडर मॉडयूल में लगा है, जिसने आज शाम को चंद्रमा की सतह को छूआ।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आकाश सिन्हा ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, “हम प्रज्ञान रोवर को हमारे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर चंद्रमा की सतह पर घूमते हुए देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं।”
सिन्हा शिव नाडर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने कहा कि उनके स्टार्टअप की तरफ से डेवलप सॉफ्टवेयर रोवर पर लगे दो कैमरों का इस्तेमाल कर चंद्रमा की तस्वीरें लेगा और चंद्रमा के परिदृष्य का 3D मैप बनाने के लिए उन्हें एक साथ जोड़ेगा।
उन्होंने बताया कि ये सॉफ्टवेयर रोवर में इंस्टॉल है और इमेज प्रोसेसिंग, अंतरिक्षयान में की जाएगी। फाइनल 3D मॉडल मिशन कंट्रोल रूम में भेजा जाएगा।
सिन्हा ने बताया कि मिशन कंट्रोल रूम में वैज्ञानिक इस रोवर को सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किए गए चंद्रमा की सतह के 3D मॉडल के आधार पर उस क्षेत्र के दौरे पर ले जा सकते हैं, जिसकी तस्वीरें कैद की जा चुकी होंगी।
उन्होंने कहा, “ये सॉफ्टवेयर मूल रूप से चंद्रयान-2 के लिए विकसित किया गया था, लेकिन तब रोवर को सतह पर नहीं उतारा जा सका था। अब इसका चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।”
विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले अत्यधिक महंगे कैमरों के मुकाबले प्रज्ञान रोवर में केवल दो कैमरों का इस्तेमाल किया गया है, जो सॉफ्टवेयर की तरफ से चंद्रमा की सतह का 3D मैप बनाते वक्त उसकी आंखों के रूप में काम करते हैं।
सिन्हा ने कहा, “प्रज्ञान रोवर इन दो आंखों से चंद्रमा के आसपास अपना रास्ता तलाश कर लेगा।”