श्रीवास्तव ने कहा, “भारत में अमीर और गरीब संसाधन व्यवस्था में कमी के समाधान के लिए टेलीस्ट्रोक मॉडल को अपनाया जाता है। टेलीमेडिसिन/टेलीस्ट्रोक सुविधाओं का कार्यान्वयन समाज के आर्थिक और भौगोलिक रूप से विकलांग और वंचित वर्गो के बीच खाई को पाटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”
जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि अवसाद स्ट्रोक से जुड़ा हो सकता है। जिन लोगों में अवसाद के लक्षण होते हैं, उनमें स्ट्रोक होने का जोखिम बढ़ सकता है। स्ट्रोक के बाद डिप्रेशन भी रिकवरी को खराब कर सकता है।
इसके अलावा कोविड को स्ट्रोक के बढ़े हुए स्तर से भी जोड़ा गया है। अमेरिका में थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, कोविड वाले लोगों में प्रतिकूल परिणाम होने और स्ट्रोक के बाद ठीक होने में कठिनाई का सामना करने की संभावना 2.5 गुना अधिक पाई गई।