किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए ललन सिंह ने सोमवार को पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में हेगड़े के नाम की घोषणा की। पार्टी के पास अपने कोटे के तहत एक सीट है, लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार इस मुद्दे से दूर रह रहे हैं, उससे लगता है कि उन्होंने आरसीपी सिंह के भाग्य का फैसला करने की जिम्मेदारी ललन सिंह को दे दी है।
वहीं ललन सिंह और आरसीपी सिंह के संबंधों में तब से खटास देखी जा रही है जब जेडीयू के अध्यक्ष रहते आरसीपी सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट विस्तार के दौरान खुद के लिए एक मंत्री पद ले लिया था। पार्टी ने उन्हें बीजेपी के साथ दो कैबिनेट और दो राज्य स्तर के मंत्री पद के लिए बातचीत करने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन सिंह ने खुद अकेले मंत्री बनने का फैसला किया।