बिलासपुर8 घंटे पहले
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हड़ताल के चलते पटवारियों में बंद जैसा दिख रहा है।
छत्तीसगढ़ में आठ सूत्रों को लेकर पटवारियों ने सोमवार से प्रदेश व्यापक आंदोलन शुरू कर दिया है, जिसके चलते पटवारी छवियों में लटकते रहे। इस हड़ताल की वजह से जमीन व राजस्व सहित अन्य मामलों को लेकर पहुंचे लोग भटकते रहे। शोकपुर, बिलासपुर सहित जिला मुख्यालयों में पटवारियों ने अपने संघ के बैनर पर धरना-बोल कर राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार हल्ला बोला। पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने पिछले लंबे समय से अपने रूपों को लेकर विभागों के अधिकारियों के साथ राज्य सरकार को दिया था, जिसमें वेतन भिन्न आठ प्रकार के सूत्रों को संपूर्ण करने की मांग की गई थी। लदान से दो साल के बंटवारे के बाद भी शासन ने उनके चिह्नों को पूरा करने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद कुछ दिन पहले पटवारी संघ के बैनर तले सरकार को अल्टीमेटम देते हुए 14 मई तक अपने पहचान को पूरा करने की मांग की था। मांगे नहीं होने पर पटवारी संघ ने पूरे 15 मई से आंदोलन पर जाने की चेतावनी दी थी।

बिलासपुर में पटवारियों ने हड़ताल हड़ताल शुरू कर जोरदार नारेबाजी की।
जिला मुख्यालयों में धरना, नज़रों में लटकते हुए जैसा दिखता है
सोमवार को पटवारी संघ के आमंत्रण पर अलग-अलग कई पटवारी घोषणाओं में लॉकर धारक जिला मुख्यालय पहुंचे। बिलासपुर में पटवारी बृहस्पति बाजार स्थित कम्युनिटी भवन पहुंचे, जहां संघ के अधिकारियों के साथ धरना प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपने रूपों को पूरा करने के लिए आवाज उठाई। दुर्घटना में दृष्टांत की स्थिति के कारण जमीन से जुड़े काम जैसे फौती, नामकरण अभिलेख, अभिलेख दुरुस्तीकरण का काम नहीं हुआ और भटकते रहे। वहीं पटवारियों ने अपना आईडी नहीं खोला, जिस कारण ऑनलाइन काम भी ठप रहा।
दो साल पहले राजस्व मंत्री ने गारंटी दी थी
जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष देवकुमार पटेल ने बताया कि पटवारी अपने चक्रों को पूरा करने के लिए तीन साल से प्रयासरत हैं। पूर्व वर्ष 2020 में पटवारी संघ ने 14 दिनों तक हड़ताल की थी, जिस पर राजस्व मंत्री ने अपने ढांचे को पूरा का नुकसान दिया था, जिसके बाद हड़ताल पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन, दो साल के आंकड़े जाने के बाद भी उनकी मांगो पर शासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस बीच 24 मार्च को रायपुर में एक दिवसीय धरना-प्रस्तुत कर शासन का ध्यान आकर्षित किया गया। फिर भी उनकी दृष्टि को अनदेखे कर दिया गया, जिसकी वजह से उनके चलते शाम का आंदोलन का रूख अपना पड़ गया।

जिला मुख्यालय जांजगीर में भी पटवारियों ने धरना-प्रदर्शन कर आंदोलन किया।
पटवारियों की ये आठ सूत्रीय मांगे हैं
- पेंशन विशिष्ट दूर होते हुए पेंशन में काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
- वरिष्ठता के आधार पर समझें।
- संसाधन एंव।
- स्टेशनरी बोका।
- अतिरिक्त कार्यस्थल पर नौकरी।
- पटवारी भर्ती के लिए पात्रता योग्यता स्नाकत किए जाने संबंधी 7- मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त हो जाएगी।
- बिना विभागीय जांच के प्राथमिक (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज न हो।