Azaad-bharat News/*अनुलग्नक पंजीयन विभाग की 10 क्रांतिकारी पहलों का संक्षिप्त विवरणः*
*1. फ़र्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए आधार सत्यापन*
क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार नंबर और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
*2. रजिस्ट्री खोज एवं डाउनलोड*
खसरा नंबर दर्ज कर संपत्ति की पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और रजिस्ट्री दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे क्रेताओं को विवादित या बंधक ज़मीन की जानकारी पहले ही प्राप्त हो जाएगी।
*3. ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र*
संपत्ति पर ऋण, बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र के माध्यम से आसानी से ज्ञात की जा सकती है। कई शासकीय कार्यों एवं बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है।
*4. स्टाम्प एवं रजिस्ट्री शुल्कों का कैशलेस भुगतान*
अब स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का एक साथ UPI, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि से कैशलेस रूप में भुगतान किया जा सकता है। पहले दोनों का भुगतान अलग-अलग स्थान पर नकदी में किया जाता था।
*5. व्हॉट्सएप सेवायें*
रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग, दस्तावेज़ की स्थिति, पंजीयन पूर्ण होने की सूचना एवं रजिस्ट्री की प्रति व्हाट्सएप के माध्यम से स्वतः प्राप्त होगी। साथ ही व्हाट्सएप के माध्यम से रजिस्ट्री से संबंधित शिकायतें एवं फीडबैक भी दिया जा सकेगा।
*6. डिजीलॉकर सेवायें*
पंजीकृत दस्तावेज अब डिजीलॉकर में डिजिटल रूप में संरक्षित रहेंगे, जिन्हें आवश्यकता अनुसार कभी भी डाउनलोड किया जा सकेगा।
*7. रजिस्ट्री दस्तावेजों का स्वतः निर्माण*
पक्षकार द्वारा जानकारी भरने के पश्चात रजिस्ट्री दस्तावेज स्वतः जनरेट होगा एवं उप पंजीयक को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
*8. घर बैठे स्टाम्प सहित दस्तावेज़ निर्माण*
डिजीडॉक सेवा के माध्यम से किरायानामा, शपथ पत्र, अनुबंध जैसे गैर-पंजीकृत दस्तावेज़ अब घर बैठे डिजिटल स्टाम्प के साथ ऑनलाइन तैयार किए जा सकते हैं।
*9. घर बैठे रजिस्ट्री*
दस्तावेज निर्माण, स्टाम्प भुगतान और रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन होकर घर से ही पूर्ण की जा सकती है। अभी यह सेवा 10 प्रकार के दस्तावेजों जैसे-रेंट एग्रीमेंट, मोर्गेज डीड आदि में शुरू की गई है।
*10. रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण*
रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण होते ही संबंधित क्रेता का नाम राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः दर्ज हो जाएगा। इसके लिए अलग से नामांतरण आवेदन, शुल्क या लंबी प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे नागरिकों के समय, प्रयास और खर्च तीनों की बचत होगी।