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हाथियों ने दो लोगों पर हमला करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया

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यह घटना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जुड़े क्षेत्र में हुई।

Azaad-bharat News/MP News :मध्य  प्रदेश में हाथियों ने दो लोगों पर हमला करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया। एक युवक को गांव वालों के सामने पटक-पटक कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

यह घटना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जुड़े क्षेत्र में हुई। घटना से कुछ दिन पहले ही यहां पर 10 हाथियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो चुकी है। हाथी हमने से प्रभावित लोगों ने इसे हाथियों का बदला माना है। हमले के बाद मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने एक टीम को भी बाँधवगढ़ भेजा है। मामले में वन विभाग भी चुप्पी साध रखी है। वन विभाग की टीम की ओर से अभी तक इस पूरे मामले पर कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया है।

दो ग्रामीणों को उतारा मौत के घाट

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के चंदिया क्षेत्र में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पास हाल ही में हाथियों के हमले से गाँवों में आतंक का माहौल बना हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2 नवंबर, 2024 को रिजर्व से निकले तीन हाथियों ने गाँव के रामरतन यादव और भैरव कोल नाम के दो ग्रामीणों की जान ले ली। ये हाथी दिवाली के आसपास से क्षेत्र में आए हुए थे और इंसानों पर हमला करने लगे हैं। पहले वे खेतों में फसलों को नुकसान पहुँचाते थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने सीधे लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया।

इस घटना में रामरतन यादव पर उस समय हमला हुआ, जब वे अपने खेतों की तरफ गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हाथी ने रामरतन को काफी दूर तक घसीटा और फिर मार डाला। उनका शव उनके बेटे ने खेत में पाया। उसी दिन, भैरव कोल पर भी खेत जाते समय हाथियों ने हमला कर दिया, जिससे उनकी भी मौत हो गई। इन हमलों से गाँववाले काफी सहमे हुए हैं।

गांव के लोगों पर किया हमला

इसके अलावा, हाथियों ने गाँव के अन्य लोगों पर भी हमला किया। एक अन्य घटना में सचिन नामक युवक, जो खेत में काम कर रहा था, पर भी हाथियों ने हमला किया। हाथी ने सचिन को उठाकर पटक दिया, जिससे उसकी कई हड्डियाँ टूट गईं। फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है। गाँव के लोग अब फसल काटने से डर रहे हैं, क्योंकि हाथी अब खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

हाथियों को इतने आक्रामक रूप में कभी नहीं देखा- ग्रामीण

गाँववालों का कहना है कि इससे पहले हाथी उनके गाँव के आसपास आते थे लेकिन लोगों पर हमला नहीं करते थे। हालांकि, हालिया घटनाओं के बाद से इन हाथियों का व्यवहार बदल गया है। गाँव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने हाथियों को इतने आक्रामक रूप में पहले कभी नहीं देखा। हाथियों के इस हिंसक रुख से ग्रामीण काफी भयभीत हैं और घर से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं।

हाथियों की रहस्यमयी मौतें

इस पूरे घटनाक्रम में एक और रहस्यमयी पहलू सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली के आसपास यानी 29 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर के बीच इसी इलाके में 10 हाथियों की अचानक मौत हो गई थी। इन हाथियों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। स्थानीय प्रशासन का दावा है कि हाथियों की मौत का कारण पास के गाँव में बोई जाने वाली कोदों की फसल हो सकती है। प्रशासन के अनुसार, हाथियों ने इस फसल को खा लिया था, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनकी जान चली गई।

हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि जो तीन हाथी अभी गाँव में हैं और हमला कर रहे हैं, वे उन्हीं हाथियों के समूह का हिस्सा हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। कुछ गाँववालों का कहना है कि शायद अपने साथियों की मौत से परेशान होकर ये हाथी अब इंसानों पर हमला कर रहे हैं। वहीं, कुछ का मानना है कि जो हाथी हमला कर रहे हैं, उन्होंने भी उसी जहरीली फसल को खा लिया है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई है और वे संतुलन खो चुके हैं।

सरकार और वन विभाग की प्रतिक्रिया

वहीं, हाथियों के हमले में हुई मौतों के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस गंभीर स्थिति पर ध्यान दिया और एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बैठक में एक दो-सदस्यीय टीम गठित की गई और उसे घटनास्थल पर भेजा गया। टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है, जिसमें प्रथम दृष्टया हाथियों की मौत का कारण कोदों की फसल बताया गया है। साथ ही, टीम ने हाथियों की मौत के पीछे किसी भी तरह की साजिश की संभावना को नकारा है।

दरअसल, वन विभाग के अधिकारी इस मामले पर स्पष्ट रूप से कुछ कहने से बच रहे हैं। वन अधिकारी कुलदीप त्रिपाठी ने पुष्टि की है कि उन्हें दो ग्रामीणों की मौत की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि वन विभाग की टीम आसपास के गाँवों में जाकर मुनादी कर रही है ताकि लोग सावधान रहें और हाथियों से दूर रहें। इसके अलावा, वन विभाग की टीमें लगातार काम्बिंग कर रही हैं ताकि हाथियों को जंगल की तरफ वापस भेजा जा सके।

गाँववालों में डर का माहौल

फिलहाल, हाथियों के आक्रामक रवैये से गाँववाले बेहद डरे हुए हैं। वे खेतों में काम करने से बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि हाथी फिर से हमला कर सकते हैं। गाँव के कुछ लोग बताते हैं कि हाथी पहले भी फसलें बर्बाद किया करते थे, लेकिन इंसानों पर हमला करने का यह पहला मामला है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि हाथी अपने साथियों की मौत से दुखी और परेशान हैं, जिस कारण वे इंसानों पर हमला कर रहे हैं।

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