*ऐसे में कैसे जीतोगे ?*
*(अनिल पाण्डेय ,वरिष्ठ पत्रकार )*
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एक जमाने में रायगढ़ रेलवे फाटक के उस पार से लेकर पूरे जूटमिल क्षेत्र में जनसंघ के सिर्फ दो कार्यकर्ता मांगेराम अग्रवाल और लल्लन सिंह हुआ करते थे और ये दोनों अपनी साइकिल पर जनसंघ के बड़ा झंडा बांधकर निकला करते थे उस क्षेत्र में आज कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का कोई नाम लेवा भी दिखाई नहीं देता जबकि यह क्षेत्र इन दोनों पार्टियों के गढ़ के रूप में जाना और पहचाना जाता था ।
कृष्ण कुमार गुप्ता के विधायकी कार्यकाल में इस क्षेत्र से कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ डह चुका था और कांग्रेस का एक क्षत्र राज्य स्थापित हो गया था लेकिन 2003 के चुनाव में कृष्ण कुमार गुप्ता की पराजय के बाद से इस क्षेत्र में कांग्रेस लगातार कमजोर होते हुए आज इस अवस्था में पहुंच गई है कि कांग्रेस का इक्का दुक्का कार्यकर्ता ढूंढने से बमुश्किल ही दिखाई देता है ।
ललित पाठशाला स्थित जो मतदान केंद्र कभी रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का इकबाल बुलन्द करते हुए दिखाई देता था और अपरान्ह में जहां मतदाताओं की भीड़ का नजारा देखने लायक हुआ करता था तथा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मोर्चा लगाए हुए दिखाई दिया करते थे वहीं इस चुनाव में कांग्रेस के एक दो कार्यकर्ताओं को छोड़कर रायगढ़ के स्वनाम धन्य नेता लापता दिखाई पड़े ।जो यह प्रश्न खड़े कर रहा था कि *ऐसे में कैसे जीतोगे ?*