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शिवसेना विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने की महाराष्ट्र के स्‍पीकर की आलोचना, अयोग्यता याचिकाओं पर देरी पर मांगा जवाब



शीर्ष अदालत ने 29 जून को अपने फैसले में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद पर बहाल करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उन्होंने सदन में शक्ति परीक्षण का सामना करने से पहले स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था। पांच न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से माना था कि तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा बहुमत साबित करने के लिए ठाकरे को बुलाया जाना उचित नहीं था, लेकिन उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद खाली होने के बाद शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना उचित था, क्योंकि ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था। 

प्रभु के स्थान पर भरत गोगावले (शिंदे गुट से) को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता देने के अध्यक्ष द्वारा लिए गए निर्णय को “कानून के विपरीत” घोषित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने कहा था कि राजनीतिक दल सदन में सचेतक और दल के नेता की नियुक्ति करता है, न कि विधायक दल करता है।



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