प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी शनिवार 2 सितंबर को जेट एयरवेज (Jet Airways) के फाउंडर नरेश गोयल को मुंबई के सेशन कोर्ट में ले गए। उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। ED ने 538 करोड़ रुपये के कथित बैंक फ्रॉड मामले एक दिन पहले नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था। ED ने नरेश गोयल को मुंबई स्थित अपने ऑफिस में दिन भर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई (CBI) की ओर से इस साल मई में दर्ज की गई एक FIR पर आधारित है।
मनीलॉन्ड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये के कथित फ्रॉड मामले से जुड़ा हुआ है। यह मामला जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ CBI की ओर से दर्ज एक एफआईआर से सामने आया है। FIR में आरोप लगाया गया था कि बैंक ने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (JIL) को 848.86 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए थे, जिनमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं।
इस साल 19 जुलाई को ED ने नरेश गोयल और कुछ दूसरे लोगों पर छापा मारा था। तब ED ने मुंबई और कुछ दूसरे इलाकों के घर-दफ्तर पर छापेमारी की थी।
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क्या है पूरा मामला?
CBI ने केनरा बैंक की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज किया था। केनरा बैंक का आरोप है कि उसने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुपए का क्रेडिट लिमिट्स और लोन पास किया था। इसमें से 538.62 करोड़ रुपए का बकाया है।
CBI के FIR के मुताबिक, “जेट एयरवेज के सैंपल एग्रीमेंट के मुताबिक, जनरल सेलिंग एजेंट्स (GSA) का खर्च खुद GSA ने उठाया था ना कि जेट एयरवेज ने। हालांकि यह पता चला है कि जेट एयरवेज ने 403.27 करोड़ रुपए अलग-अलग चीजों पर खर्च किया जो GSA के मुताबिक नहीं था।”
अप्रैल 2019 से बंद है जेट एयरवेज की उड़ान
जेट एयरवेज की उड़ानें 17 अप्रैल 2019 से बंद है। इसके बाद CBI ने 29 जुलाई 2021 को जेट एयरवेज के अकाउंट को फ्रॉड करार दिया था। बैंक का आरोप था कि जेट एयरवेज के फॉरेंसिक ऑडिट से यह पता चलता है कि इसने रिलेटेड कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपए का पेमेंट करते फंड का गलत इस्तेमाल किया है।