रायपुर2 घंटे पहले
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छत्तीसगढ़ के कई में लू जैसे हालात बन गए हैं।
छत्तीसगढ़ में नौतपा खूब तपा रहा है। पहले ही दिन प्रदेश में दोपहर की चिलचिलाती धूप और गर्म हवा की वजह से घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। गर्मी के तेज ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। प्रदेश में सबसे अधिक 45 डिग्री तापमान जांजगीर-चांपा जिले में दर्ज किया गया। यहां हीट वेव की स्थिति बन गई थी। रायगढ़, महासमुंद, मुंगेली और बिलासपुर जिले में भी लू जैसे हालात हैं। प्रदेश के अन्य नेटवर्क में भी तापमान 41-43 डिग्री के करीब है।
मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जांजगीर के बाद रायगढ़ जिला 43.7 डिग्री सैलियन तापमान के साथ दूसरे नंबर पर सबसे गर्म रहा। इसके अलावा महासमुंद में 43.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। मुंगेली का तापमान 43.2 डिग्री सेलियन है। बिलासपुर जिले में भी गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया। यहां 43 डिग्री का रिकॉर्ड किया जाता है।

प्रदेश के सबसे गर्म शहरों का तापमान विभाग जारी हो गया है।
इसी तरह धमतरी जिले में 42.8 डिग्री सेलियन, राजनांदगांव में 42 डिग्री सेलियन, कोरबा में 41.9 डिग्री, दुर्गा में 41.6 डिग्री, सरगुजा में 41.4 डिग्री और राजधानी रायपुर में 41 डिग्री डिग्री दर्ज किया गया है। इसके अलावा बलौदाबाजार में 40.6 डिग्री तापमान रहा है।
हीट वेव को लेकर सीजन विभाग की एडवाइजरी
हीट वेव को लेकर सीजन विभाग ने अलग-अलग लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिन लोगों को पर्याप्त पानी पीने, पत्तों को नहीं खोलने पर भी पीने की अपील की है। इसके अलावा घर में बने लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ और नारियल पानी जैसे पेय पदार्थों का सेवन करने को कहा गया है।
इसके अलावा तेज धूप के समय घर से बाहर नहीं जाने की बात कही जा रही है। हल्के रंग के टूटे हुए कपड़े की सलाह बहुत दी जा रही है। घर से बाहर सड़क पर कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है और आंखों की सुरक्षा के लिए भी अख्तियार करने की बात कही गई है।

शुक्रवार को प्रदेश के उत्तरी हिस्से में तापमान गिरेगा जबकि दक्षिण में तापमान बढ़ने के संकेत हैं।
प्रदेश में बदलेगा मौसम
सीज़न विशेषज्ञ एच पी चंद्रा ने बताया, नौतपा के लिए सीज़न विभाग द्वारा अलग से कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई। बल्कि मौसम में परिवर्तन और बढ़ते ताप को लेकर लोग निश्चित रूप से अवतरित होते हैं।
अगले 24 घंटे में मौसम में बदलाव की संभावना बन जाती है।
उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक एक सिस्टम बना है। इसके अलावा उत्तरी भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ भी बना है। जिसके प्रभाव से प्रदेश में कहीं-कहीं अंधड़ और बारिश की स्थिति बन सकती है।