बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को बड़ा झटका देते हुए दोबारा राज्यसभा का टिकट नहीं देने का फैसला किया है। आज दिन भर सीएम नीतीश कुमार के साथ बैठकों के दौर के बाद जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने देर शाम ऐलान किया कि झारखंड जेडीयू प्रमुख खीरू महतो बिहार से पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार होंगे।
जेडीयू के इस फैसले के साथ आरसीपी सिंह के उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। अब आरसीपी सिंह न सिर्फ राज्यसभा जाने से वंचित रह जाएंगे, बल्कि उन्हें मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद भी छोड़ना पड़ेगा। उनका केंद्रीय मंत्री बने रहना तभी संभव है जब वह किसी सदन के सदस्य हो जाएं। लेकिन ऐसा संभव नहीं दिखता है। अब आरसीपी सिंह को बीजेपी से किसी मदद की उम्मीद है।
इससे पहले आज जेडीयू की राज्यसभा सीट के लिए दिन भर गहमागहमी रही। जेडीयू में लगातार बैठकों का दौरा चलता रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार शाम चार बजे पटना में पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की, लेकिन उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की। सिंह और कुशवाहा ने मामले पर चर्चा की और फिर ललन सिंह मुख्यमंत्री आवास गए, लेकिन उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की।
एक समय जेडीयू में नीतीश कुमार के बाद आर.सी.पी. सिंह को कद्दावर नेता माना जाता था। लेकिन पिछले साल केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार के समय नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को बीजेपी के साथ बातचीत करने और पार्टी के लिए दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्रालय की मांग करने के लिए अधिकृत किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और आरसीपी सिंह ने केवल अपने लिए एक कैबिनेट मंत्री पद पर डील तय कर ली। इसके बाद जेडीयू में उठे विवाद के बीच आरसीपी सिंह को हटाकर ललन सिंह को पार्टी की अध्यक्ष बना दिया गया। राज्यसभा चुनाव के लिए बिहार में 5 सीटें हैं और बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू की ताकत के हिसाब से पहले दो दलों को दो सीटें मिलेंगी, जबकि जेडीयू को एक सीट मिलेगी।