5 मिनट पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय
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पांच-छह साल बाद म्यूजिक डायरेक्टर आनंद राज आनंद हाल में फेमस सांग ‘ठुकरा के मेरा प्यार…’ को रीक्रिएट करके लाए हैं। आनंद के मुताबिक, यह गाना ग्लोबल लेवल पर काफी फेमस हो गया था। इसे देखते हुए जी स्टूडियो ने इसे नए फ्लेवर के साथ रीक्रिएट किया।
इस गाने के रिक्रिएशन को लेकर आनंद राज आनंद ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान गोविंदा के बारे में भी कुछ अनसुनी बातें बताईं। गोविंदा के ऊपर सैड सॉन्ग बनाना कितना मुश्किल था, इसके बारे में आनंद राज आनंद ने विस्तार से बातचीत की है।
गोविंदा के साथ का कोई किस्सा बताइए?
फिल्म ‘हद कर दी आपने’ में गोविंदा का एक किस्सा बड़ा मशहूर है। मनोज अग्रवाल ने बोला कि गोविंदा जी के लिए एक सैड सांग चाहिए। मैंने कहा कि गोविंदा की आंख में इतनी शरारत है, सैड सांग कैसे बनाऊंगा। उन पर सैड सांग कैसे बन सकता है, फेक लगेगा, यह पॉसिबल ही नहीं है।
मनोज जी ने कहा कि बनाना तो पड़ेगा, क्योंकि कैरेक्टर की सिचुएशन ही ऐसी है। बंदे का दिल टूटा हुआ है। अगर इस जगह पर कोई ऐसा गाना आ गया, तब अच्छा होगा। फिल्म के राइटर आनंद बख्शी साहब थे।
वे ऐसे राइटर हैं कि उनके लिए गाना लिखना बच्चों का खेल है, लेकिन उससे पहले क्या हुआ कि उसी रात को मैंने ‘जिस देश में गंगा बहती है’ फिल्म देखी।
उसमें गाना है- ‘मेरा नाम राजू घराना अनाम, बहती है गंगा जहां मेरा धाम’। वह राजू लफ्ज मुझे बहुत अच्छा लगा। फिल्म ‘हद कर दी आपने’ में गोविंदा के किरदार का नाम राज था। मैंने डायरेक्टर मनोज अग्रवाल को फोन किया और कहा कि राज को क्या लड़की प्यार से राजू बोल सकती है।
मैंने उन्हें एक लाइन सुनाया- ‘ओ राजू प्यार न करियो, डरियो दिल टूट जाता है’। इतना सुनकर वे हिल गए। उन्होंने कहा कि इस लाइन को बख्शी साहब को मत सुनाना। अगर सुनाओगे, तब वे अपनी लाइन देंगे। फिर दोनों में से देखेंगे कि क्या करना है। बख्शी साहब ने गाना लिखा- ‘मर जाना प्यार न करना, वरना दिल टूट जाता है’।

खैर, डायरेक्टर डर-डरकर हिम्मत करके बख्शी साहब से बोले कि आनंद के पास एक लाइन है। उसे देखिए कि कैसी लग रही है। मैंने ‘ओ राजू प्यार न करियो, डरियो दिल टूट जाता है’ लाइन उन्हें सुना दिया। वे कहने लगे- ‘इसे रखेंगे।’ इस तरह एक लाइन मेरी थी बाकी सारा गाना बख्शी साहब ने लिखा था। खैर, इस तरह गोविंदा पर मात्र यह एक सैड सांग लिखा गया।
सालों बाद ‘ठुकरा के मेरा प्यार…’ रीक्रिएट किए। मकसद क्या रहा?
“यह ग्लोबल लेवल पर फेमस हो गया, सो सेलिब्रेशन तो बनती है। अब सेलिब्रेशन कैसे करें! इस पर ‘जी’ म्यूजिक से बात हुई। वहां से एक आइडिया निकला कि इसी गाने को रीक्रिएट करते हैं। लेकिन पूरा लिरिक्स नया लिखेंगे, सिर्फ हुक्स लाइन सेम रखेंगे।
जितने भी रीक्रिएशन गाने हैं, उसमें री-कॉल वैल्यू के लिए वह लाइन रखनी पड़ती है बाकी काम मुश्किल हो जाता है, क्योंकि उसी इम्पैक्ट का गाना बनाना होता है। अलग बनाना रहे, तब आसान होता है। लेकिन उसी गाने को दोबारा बनाना, जो अलग भी लगे और वैसा भी लगे। थोड़ा चैलेंज था, लेकिन जिस तरह से बनकर आया, उसका बड़ा अमेजिंग रिस्पांस मिल रहा है।”

रीक्रिएशन को कुछ लोग अच्छा नहीं मानते। आप क्या कहेंगे?
“देखिए, गाने में दम होना चाहिए। लिरिक्स का एक-एक बोल सुनने के बाद इसका डिसीजन होता है कि गाना हल्का बना है या भारी बना है। रीक्रिएशन कोई गलत चीज नहीं है। बल्कि मैं तो कहता हूं कि यह गाना लोग न भुला पाएं, इसलिए दस साल बाद फिर रीक्रिएट हो।
रेस्ट करने की वजह क्या रही?
“वजह यही कि जब दूसरे प्लेयर आ जाते हैं, तब आपको बैठना पड़ जाता है। इसमें कोई गलत बात नहीं है। प्रीतम, विशाल-शेखर, सलीम-सुलेमान, शंकर-अहसान-लॉय आदि अच्छा काम कर रहे हैं। अपनी लॉबी में सबकी सेटलमेंट हो जाती है। जैसे- इंद्र कुमार, अनीस बज्मी आदि डायरेक्टर मुझे चेंज ही नहीं करते हैं।
वैसे उनके भी जो डायरेक्टर थे, उनको चेंज नहीं कर रहे थे। हम लॉबीज में घुस नहीं सकते। मैं मार्केट से गायब नहीं हुआ हूं। मैं धुन बनाकर अपने पास जमा करता गया, उसे बेच नहीं रहा था। यह मेरा मेकिंग का पीरियड था। इन छह-सात साल में मैंने दो हजार से ऊपर मुखड़े क्रिएट कर लिए हैं। इसमें डांस नंबर, रैप नंबर, मैरिज सांग से लेकर कम से कम डेढ़ सौ भजन बनाए हैं।”

इंडस्ट्री को लेकर और क्या कहना चाहेंगे?
“हमारी इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा रिस्पेक्ट राइटर की होनी चाहिए। सबसे ज्यादा रिस्पेक्ट कहानीकारों की होनी चाहिए। पर्दे पर दिखाओ क्या, जब सोच ही नहीं है, तब साउंड और सीन क्या क्रिएट करोगे।
आप मीडिया के जरिए बताइए कि आनंद राज ने पूरी इंडस्ट्री से आग्रह किया है कि अगर राइटर्स की जिंदगी सिक्योर कर दिया, तब बॉलीवुड को चार चांद लग जाएगा।”