देश की प्रमुख स्टार्टअप बायजूज (Byju’s) पिछले कुछ साल में खरीदी गई सभी एसेट्स की रणनीतिक समीक्षा करेगी। मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया कि कंपनी का इरादा अपनी सभी नॉन-कोर एसेट्स की बिक्री कर प्रॉफिट वाले और कोर सेगमेंट पर फोकस करना है। Byju’s के पास 30 से भी ज्यादा सब्सिडियरी हैं और कंपनी अब के-12 (किंडरगार्टन से 12वीं तक), टेस्ट की तैयारी, के-12 के लिए ऑफलाइन कोचिंग आदि सेगमेंट पर फोकस कर रही है।
कंपनी की दिलचस्पी के-12 से संबंधित वर्टिकल्स को फिर से सक्रिय करने में भी है, मसलन वाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr) और टिंकर (Tynker) जैसे कोड लर्निंग प्लेटफॉर्म। इस रणनीतिक समीक्षा के लिए Byju’s सलाहकारों के साथ काम कर रही है। Byju’s पहले ही अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म ‘ग्रेट लर्निंग’ ( Great Learning) और रीडिंग प्लेटफॉर्म ‘एपिक’ (Epic) को बेचने की तैयारी में है। कंपनी को इन एसेट्स की बिक्री से 1 अरब डॉलर हासिल होने की उम्मीद है।
Byju’s अब भारत में अपना ऑपरेशन मजबूत करने पर फोकस कर रही है और इसका इरादा सिर्फ कुछ संपत्तियां ही विदेश में रखने का है। एक और सूत्र ने बताया, ‘Byju’s को छोटा करने की जरूरत है और यह कदम उसी दिशा में उठाया गया है। यह अब पहले की तरह काफी बड़ी एडुटेक कंपनी नहीं हो सकती।’ हालांकि, इस मामले में Byju’s ने कोई टिप्पणी नहीं की।
कंपनी ने अपने बेहतर दिनों में इक्विटी और डेट के जरिये रिकॉर्ड 6 अरब डॉलर फंड जुटाया था और इस फंड से 15 से ज्यादा अधिग्रहण किए थे। कंपनी ने अधिग्रहण पर कुल 3.5 अरब डॉलर खर्च किया था। कंपनी की खरीदारी का यह आलम था कि सोशल मीडिया पर इसको लेकर मीम बनने लगी थाी और कुछ लोग मजाक में कहने लगे थे कि एडुटेक कंपनी अब सरकारी स्कूल भी खरीद सकती है। इस दौरान कंपनी ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज, अमेरिकी इकाई टिंकर (Tynker), वाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr), ओस्मो (Osmo), ग्रेट लर्निंग (Great Learning), एपिक (Epic) और टॉपर (Toppr) आदि का अधिग्रहण किया था।