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PM मोदी की आलोचना वाली BBC डॉक्यूमेंट्री पर SC में सुनवाई आज, डॉक्यूमेंट्री पर रोक के खिलाफ दायर की गई है याचिका



पत्रकार एन. राम, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने डॉक्यूमेंट्री के लिंक के साथ अपने ट्वीट को हटाने के खिलाफ एक अलग याचिका दायर की है। राम और अन्य द्वारा दायर याचिका में कहा गया है- बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की सामग्री और याचिकाकर्ता नंबर 2 (भूषण) और 3 (मोइत्रा) के ट्वीट भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत संरक्षित हैं। डॉक्यूमेंट्री की सामग्री अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्दिष्ट किसी भी प्रतिबंध या आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत लगाए गए प्रतिबंधों के अंतर्गत नहीं आती है।

सरकार ने सोशल मीडिया पर डॉक्यूमेंट्री के किसी भी क्लिप को साझा करने पर रोक लगा दी है, जिसने छात्र संगठनों और विपक्षी दलों को इसकी सार्वजनिक स्क्रीनिंग आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। राम और अन्य लोगों की याचिका में तर्क दिया गया कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से निर्धारित किया है कि सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना या यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की आलोचना भारत की संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन करने के समान नहीं है।

कार्यपालिका द्वारा अपारदर्शी आदेशों और कार्यवाहियों के माध्यम से याचिकाकर्ताओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाना स्पष्ट रूप से मनमाना है, क्योंकि यह भारत के संविधान के मूल ढांचे के उल्लंघन में भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 और 32 के तहत प्रशासनिक कार्यों की प्रभावी ढंग से न्यायिक समीक्षा की मांग करने के याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।



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