सर्वे में खुलासा हुआ है कि यूपीए कनेक्शन से 60 प्रतिशत लोग मानते हैं कि मोदी सरकार में केंद्रीय कनेक्शन का बहिर्वाह होता है, जबकि 30 प्रतिशत एनडीए के समर्थक भी ऐसा ही मानते हैं।
ध्यान रहे कि पिछले वर्षों में केंद्रीय नेताओं ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके संबंधों के खिलाफ जांच, बंधन, गिरफ्तारियों और गिरफ्तारियों जैसी कार्रवाई की है। सरकार का तर्क है कि बुजुर्ग स्वतंत्र रूप से भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करते हैं।