नई दिल्ली. सर्च इंजन गूगल (Google) ने आज जूडो के जन्मदाता डॉ. जिगारो कानो (Google Doodle celebrates Kano Jigoro’s birthday) को उनके 161वें जन्मदिन पर अपना डूडल समर्पित किया है. डॉ जिगारो को जापान में ‘जूडो के पिता’ के रूप में जाना जाता है.
जिगारो कानों का जन्म ह्युगो जापान में 28 अक्टूबर 1860 में हुआ था. 11 साल की उम्र में वें अपने पिता के साथ टोक्यो चले गयें. जूडो के जन्मदाता होने के अलावा डॉ. कानों प्रोफेसर और गाकूश्इन स्कूल के हेड मास्टर थे. उन्होंने मार्शल आर्ट (Martial arts) को एक ऐसे खेल के रूप में पहचान दी जो लोगों को न्याय, शिष्टाचार, सुरक्षा और शील के सिद्धांतों को एक साथ लाता है.
डॉ. जिगारो कानों ने 1882 में अपना डोजो (एक मार्शल आर्ट जिम), टोक्यो में कोडोकन जूडो संस्थान खोला, जहां वह सालों तक जूडो को आगे बढ़ाते रहें. उन्होंने 1893 में महिलाओं का इस खेल में स्वागत किया.1909 में कानो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के पहले एशियाई सदस्य बने और 1960 में जूडो को आधिकारिक तौर पर एक ओलंपिक खेल के रूप में स्वीकार किया गया.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी की काइरो बैठक में जापान वापस लौटते समय समुद्री यात्रा के दौरान डॉ. जिगारो की साल 1938 में मृत्यु हो गई. जूडो जापान का खेल है इसकी शुरूआत 1882 में इशोजी टैंपल में हुई थी.
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Google के आज बने डूडल को लॉस एंजिल्स स्थित कलाकार सिंथिया युआन चेंग ने तैयार किया है. आज के डूडल में प्रोफेसर जिगोरो की फोटो के अलावा दूसरी स्लाइड में जूडो के फ्रेम को एनिमेटेड रूप में दिखाया गया है, जहां वह अपने छात्रों को मार्शल आर्ट में महारत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है.
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