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Chhattisgarh

पूर्व मंत्री ने 1500 महिलाओं संग देखी केरल स्टोरी: मूणत बोले- बेटियों को बाहर पढ़ने भेज रहे हैं तो हर तरह की जांच करें पैरेंट्स



रायपुर28 मिनट पहले

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एक मल्टीप्लेक्स के तीन सिनेमा हॉल बुक दिए गए। 1500 से ज्यादा महिलाएं पहुंचती हैं फिल्म देखें, नाम था केरल स्टोरी। इन सभी को रायपुर के पचपेड़ी नाका स्थित एक मॉल में लेकर आए पूर्व मंत्री राजेश मूनत। बड़े तादाद में मॉल वाली महिलाएं फिल्में देखती हैं, इनमें से कई सी महिलाएं ऐसी थीं जिन्होंने पहली बार मल्टीप्लेक्स में फिल्में देखीं।

मूनत ने भी केरला स्टोरी फिल्म देखी है।

मूनत ने भी केरला स्टोरी फिल्म देखी है।

मूनत ने महिला फ्रंट के पाठ्यक्रम को फिल्म दिखाने के लिए 8 शो बुक देखे। चांदत जब इस फिल्म को देखकर निकले तो डेली भास्कर से बात-चीत की। उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखने के बाद मैं ये दूंगा कि बाहर की बेटियों को बच्चे पढ़ने पर दिखाई दे रहे हैं, उन जगहों की माहौल की जांच और तहकीकात जरूर करें। फिल्म में दिखाया गया है कि बच्चों को लव जिहाद में फंसाकर उनका शोषण किया जाता है। केरल में खराब माहौल की सच्चाई को फिल्म में दिखाया गया है।

1500 लोग पहुंचे।

1500 लोग पहुंचे।

जनता आगे गई
मूनत ने आगे कहा कि आज आधुनिकता में छायाकार हमारे सूखे, बेटियाँ ये समझती हैं कि किस तरह के लोग हमारे आस-पास रहते हैं। समाज को जाग्रत होना चाहिए इस तरह से धर्मांतरण करने वाले शोषण करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें ठीक करने का काम जनता को करना चाहिए। मैं यही सब कुछ ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म से जो समझाता हूं, वह उससे जागरुकता देखता हूं। बेटी बचाओ, लव जिहाद रुकवाओ।

मूणत ने कहा कि सिनेमा समाज का होना लाजिमी है। बहुत कम फिल्में ऐसी होती हैं, जो देश, समाज में जागरूकता लाने के लिए महत्वपूर्ण संदेश देती हैं। “द केरला स्टोरी” फिल्म ने सनातन धर्म में जन्म लेने वाली महिलाओं को प्रेम जेहाद जैसी स्थिति से मरने के लिए संदेश दिया है, वह अद्भुत और काबिले आकांक्षा है।

तादाद में महिलाओं की भी बड़ी हिस्सेदारी रही।

तादाद में महिलाओं की भी बड़ी हिस्सेदारी रही।

कांग्रेस की वजह से धर्मांतरण
मूनत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की तरह और तुष्टिकरण की नीति स्पष्ट नजर आती है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वजह से धर्मांतरण, सांप्रदायिक तनाव और लव जिहाद के मामले हैं। पुलिस अक्सर ऐसे विघ्न संतोषी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के स्थान पर उनके संरक्षण में घटती नजर आती है। इसलिए बेटियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।



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