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डायरेक्टर मधुर भंडारकर का नॉर्वे में सम्मान: फिल्म बबली बाउंसर, इंडिया लॉकडाउन के लिए देश की संस्कृति मंत्री ने डुओ अवॉर्ड से नवाजा



7 घंटे पहलेलेखक: अमित कर्ण

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मधुर भंडारकर को डुओ अवॉर्ड से सम्मानित करतीं नॉर्वे की संस्कृति मंत्री लुबना जाफरी। - Dainik Bhaskar

मधुर भंडारकर को डुओ अवॉर्ड से सम्मानित करतीं नॉर्वे की संस्कृति मंत्री लुबना जाफरी।

फिल्ममेकर और नेशनल अवॉर्ड विनर मधुर भंडारकर को सिनेमा में उनके योगदान के लिए नॉर्वे में सम्मानित किया गया है। उनकी पिछली दो फिल्मों- बबली बाउंसर और इंडिया लॉकडाउन के लिए उन्हें ये सम्मान मिला है। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में हुए फिल्म फेस्टिवल में देश की संस्कृति मंत्री लुबना जाफरी ने उन्हें डुओ अवॉर्ड से नवाजा।

इस मौके पर मधुर भंडारकर ने वैश्विक स्तर पर भारतीय सिनेमा में हुए इजाफे पर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। साथ ही उन्होंने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स पर भी बात की।

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ग्लोबल लेवल पर पसंद की जा रही हैं इंडियन फिल्में: मधुर
मधुर ने कहा- मेरी दोनों फिल्में फेस्टिवल में दिखाई गयीं। अवॉर्ड भी मिला। इस अवॉर्ड को मैं पूरी टीम को मैं समर्पित करता हूं। विदेशों में हमारी इंडियन फिल्मों के कद में लगातार इजाफा हो रहा है। ओस्लो में एशिया के कई मुल्कों के लोग मिले।

खुशी हुई कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मिडिल ईस्ट के लोगों में इंडियन फिल्मों को लेकर अलग क्रेज है। ओस्लो से पहले दुबई में भी हमारी फिल्म बंटी और बबली का सम्मान किया गया था। खुश हूं कि लोगों ने इंडिया लॉकडाउन को भी बेशुमार प्यार दिया।

मैं जब कान फिल्म फेस्टिवल गया था तो मेरे साथ खुशबू सुंदर और गुनीत मोंगा भी थीं। इन सबसे पहले ब्रिटिश संसद में आयोजित कार्यक्रम में इंडियन कम्युनिटी ने मुझे भारत गौरव अवॉर्ड भी दिया था। ऑस्कर में ‘ आरआरआर’ और ‘ द एलिफेंट व्हिस्परर्स ’ का जलवा रहा।

ये सब उदाहरण हैं कि कैसे भारतीय सिनेमाई दबदबा विदेशों में बढ़ा है। कान फिल्म फेस्टिवल में तो मैं साल 2019 में गया था। इस साल भी गया था। मुझे खुशी है कि लोग इंडिया और यहां की फिल्मों को सम्मान देते हैं। चाहे बड़ी हो या छोटी फिल्म, सब ग्लोबल लेवेल पर आ चुका है। नाटू-नाटू पर तो पूरी दुनिया नाची।

आज भी रूस में काफी पॉपुलर हैं राजकपूर: मधुर
मधुर आगे कहते हैं- अब आगे मैं दो से तीन स्क्रिप्ट्स पर काम कर रहा हूं। उसमें एक फीमेल सेंट्रिक है। अब ये मैडमजी है या कोई और ये राज मैं इस वक्त नहीं खोलूंगा। समाज के असल मुद्दों पर बेस्ड है। पिछले 23 सालों में मेरी फिल्में जैसी रहीं हैं, वैसी ही आगे रहेंगी। चूंकि मेरी फिल्में रिसर्च सेंट्रिक होती हैं।

अभी स्क्रिप्टिंग का काम जारी है। वह कंप्लीट होने पर ही अनाउंस करूंगा। ओस्लो में लोगों ने न सिर्फ फिल्म, बल्कि चंद्रयान-3 को लेकर काफी बातें कीं। विदेशों में अमिताभ बच्चन से लेकर मिथुन चक्रवर्ती और खासकर रूस में राज कपूर का जलवा आज भी कायम है। इस जेनरेशन में शाहरुख को विदेशों में काफी लोग जानते हैं। रजनीकांत भी काफी पॉपुलर हैं।

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ये साल फिल्मों के लिए अच्छा रहा, लोग थिएटरों में लौटने लगे हैं: मधुर
मधुर भंडारकर इस बात से भी खुश हैं कि खुद उनके ही 23 सालों के सफर में बॉलीवुड बतौर इंडस्ट्री कई गुना इजाफा कर चुका है। मधुर कहते हैं- पिछले 23 सालों से तो मैं फिल्में बना रहा हूं। उससे पहले जब से मैंने होश संभाला है, तबसे यानी 14 से 15 साल की उम्र से मैं फिल्म इंडस्ट्री में तमाम लोगों को वीडियो कैसेट देता था। इंडियन सिनेमा काफी बड़ा हो चुका है। मैंने मंगलवार की रात को ओस्लो में जवान देखी। लोगों में क्रेज है जवान का।

ये साल तो गदर-2 से लेकर ओह माय गॉड-2, द कश्मीर फाइल्स , पठान, जवान से रौशन रहा। अंग्रेजी में ओपनहाइमर जैसी फिल्मों से उस भाषा की पिक्चरों की इंडस्ट्री भी रौशन हुई है। मैं तो कहूंगा कि ये साल पूरी दुनिया की फिल्मों के लिए अच्छा रहा है। वरना तो कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि कोविड के बाद से अब सिनेमाघर तो खत्म होने वाले हैं। पर अब लोग थिएटरों में वापस आने लगे हैं।

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