बता दें कि, इससे पहले राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर इस झड़प को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी। इस बैठक में राजनाथ सिंह को सीमा के हालात की जानकारी दी गई। इस जानकारी को रक्षा मंत्री सदन के जरिए देश के साथ साझा करेंगे।
इस मामले में विपक्ष सरकार पर लगातार हमला बोल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ने कहा था ‘फिर से हमारे भारतीय सेना के जवानों को चीनियों ने भड़काया है। हमारे जवानों ने डटकर मुकाबला किया और उनमें से कुछ घायल भी हुए हैं। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे। उन्होंने आगे लिखा, ‘लेकिन मोदी सरकार अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होनी चाहिए। सर
आईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में क्यों नहीं बताया गया? घटना का ब्योरा अधूरा है।