Pawan Khera
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कांग्रेस ने फोर्टिफाइड चावल पर मोदी सरकार को घेरा, 80 करोड़ गरीब लोगों की सेहत से खिलवाड़ का आरोप लगाया



पवन खेड़ा ने कहा कि आखिर क्‍या रिसर्च हुई है? करोड़ों भारतीयों को आप जबरदस्‍ती फोर्टिफाइड राइस खिला रहे हो, बिना ये जाने कि वो फोर्टिफाइड राइस उनके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक तो नहीं हैं। खेड़ा ने कहा कि कुछ दशक पहले नमक को फोर्टिफाइड किया गया था। इसके तहत नमक में आयोडीन मिलाकर लोगों को दिया गया था, क्‍योंकि गोइटर नाम की एक बीमारी बहुत ज्‍यादा प्रचलित थी उस वक्‍त। आयोडीन की एक विशेषता होती है कि अगर आपके शरीर में ज्‍यादा मात्रा में हो तो वो टायलेट के जरिए निकल जाता है। लेकिन आयरन अगर शरीर में ज्‍यादा हो गया तो वो नुकसान देगा, लेकिन साहब ने तय कर लिया कि फोर्टिफाइड राइस अब इस देश को खाना है तो खाना पड़ेगा।

पवन खेड़ा ने कहा कि 2021 से लेकर आज 2023 तक, 138 लाख टन फोर्टिफाइड राइस बंट चुका है। कोई रिसर्च नहीं, कोई कसंल्‍टेशन नहीं, कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि सरकार ने इतना बड़ा निर्णय बिना किसी कंसल्टेशन के उन कंसल्टेंट के कहने पर ले लिया, जिनका एनजीओ उसी कंपनी के पैसे से चल रहा है, जिसे देश में फोर्टिफाइड चावल बांटने का ठेका मिला है। खेड़ा ने कहा कि ये कंसलटेंट इस देश की नीति तय कर रहे हैं कि इस देश द्वारा फोर्टिफाइड राइस खाया जाएगा।



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