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वारदात

झारखंड की पंचायतों में बदलाव की बयार, रिक्शेवाले से लेकर दिहाड़ी मजदूर तक बने ग्राम प्रधान



पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड की बाघुड़िया पंचायत से सबर नामक आदिम जनजाति की सुशीला सबर ने पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीता है। सबर झारखंड की विलुप्त होती आदिम जनजाति है। पूरे झारखंड में इनकी कुल आबादी महज कुछ हजार है। वह इस जनजाति की पहली महिला हैं, जिन्होंने कोई चुनाव जीता है।

चौपारण प्रखंड की चोरदाहा पंचायत में मुखिया का चुनाव जीतने वाली अर्चना हेमरोम कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं। उन्होंने हाल में जेपीएससी सिविल सर्विस की मुख्य परीक्षा पास की है। साक्षात्कार भी हो चुका है और इस परीक्षा में अंतिम तौर पर चयन होने पर वह अफसर बन सकती हैं। उनका कहना है कि पंचायत के लोगों ने उन्हें जिन उम्मीदों के साथ अपना प्रतिनिधि चुना है, उसपर खरा उतरने की कोशिश करेंगी। इसी प्रखंड की दादपुर पंचायत के मुखिया चुने गये गंदौरी दांगी बताते हैं कि उन्होंने दूसरे के खेतों की बंटाईदारी पर खेती करते हुए पढ़ाई की। पंचायत के लोगों ने हर ²ष्टि से मजबूत प्रत्याशियों की तुलना में उनपर ज्यादा विश्वास जताया। उनकी कोशिश होगी कि कमजोर वर्ग के लोगों की आवाज पंचायती राज व्यवस्था में मजबूती के साथ उठायी जाये।



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