byjus 3
एजुकेशन/करियर

Byju’s ने बिगाड़ी एडुटेक सेक्टर की चाल, अब निवेशक बरत रहे ये सावधानी, लेकिन यहां खूब आ रहा पैसा



दुनिया के सबसे अधिक वैल्यू वाले एडुटेक स्टार्टअप बायजूज में उथल-पुथल का असर अब देश के एडुटेक मार्केट पर भी दिख रहा है। दिग्गज प्राइवेट इक्विटी कंपनी जनरल अटलांटिक (General Atlantic) ने वर्ष 2016 में रेवेन्यू और वैल्यूएशन में मैचिंग नहीं होने के चलते एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजूज (Byju’s) में निवेश नहीं किया था। हालांकि फिर दो साल में ही बायजूज के कारोबार की तेजी को देखते हुए इसमें निवेश का फैसला किया। बायजूज का वैल्यूएशन 2016 में 38 करोड़ डॉलर से उछलकर 2018 में 100 करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया था। जनरल अटलांटिक ने 2018 में कुछ वैश्विक निवेशकों के साथ मिलकर 300 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर इसमें पैसे डाले। इसके बाद चार साल तक सब अच्छा चलता रहा और बायूजज का वैल्यूएशन 2200 करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया।

प्राइवेट इक्विटी फर्म का यहां के एडुटेक सेक्टर पर भरोसा बढ़ा और उन्होंने 2020 में अनएकेडमी में भी बड़ा निवेश किया। हालांकि फिर कोरोना महामारी के दौर के बीतने के बाद स्थिति पलट गई और ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन पढ़ाई पर जोर बढ़ने लगा। इसके चलते एडुटेक कंपनियों के रेवेन्यू को तगड़ा झटका लगा। अपने बुरे अनुभवों को देखते हुए जनरल अटलांटिक ने अब भारतीय एडटेक फर्मों में निवेश से दूरी बनाने का फैसला किया है। इस प्रकार बायजूज के चलते पूरे एडुटेक सेक्टर को झटका लगा है क्योंकि यह इसे सेक्टर की लीडर है।

Byju’s को झटके के बाद क्या आया बदलाव

निवेशक वेंचर कैटलिस्ट के को-फाउंडर और प्रेसिडेंट डॉ अपूर्व रंजन शर्मा का कहना है कि बायजूज न सिर्फ आंत्रप्रेन्योर्स के लिए बल्कि निवेशकों के लिए भी एक बड़ी सीख है। अपूर्व के मुताबिक जब आप आगे बढ़ रहे होते हैं तो ढेर सारा कर्ज जुटा लेते हैं लेकिन कर्ज बहुत सावधानी से लेना चाहिए। इसके अलावा बायजूज का मामला निवेशकों के लिए यह सबक है कि एक सीमा तक कर्ज लेने की अनुमति दी जाए। बता दें कि वेंचर कैटलिस्ट्स ने चार एडुटेक स्टार्टअप में पैसे लगाए हैं जिसमें एक टाइगर ग्लोबल के निवेश वाली यूनिकॉर्न वेदांतु भी शामिल है।

उनका मानना है कि बायजूज की दिक्कतों ने एडुटेक के माहौल को प्रभावित तो किया है लेकिन यह भी मानना होगा कि इसमें मौके बेशुमार है। ऐसे में डॉ अपूर्व का मानना है कि दिन कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी होगी और उनका कारोबारी मॉडल मजबूत होगा, उन्हें फंड जुटाने में दिक्कत नहीं होगी।

बायजूज से सीखते हुए अब निवेशक पैसे लगाने से पहले सबसे पहले यह पता करते हैं कि क्या कंपनी वास्तव में एक एडुटेक फर्म है। सिर्फ जनरल अटलांटिक ही नहीं बल्कि बायजूज की स्थिति ने देश में एडटेक निवेशकों के बीच बेचैनी पैदा कर दी है। एडुटेक कंपनियों से रेवेन्यू, नियमों के अनुपालन और गवर्नेंस प्रोटोकॉल को लागू करने से जुड़े नियमों के बारे में भी अब निवेशकों प्रमुखता से पता लगा रहे हैं।

VIDEO: इंसेंटिव को लेकर BYJU के कर्मचारी की बॉस से लड़ाई! चौंकाने वाला वीडियो Twitter पर आया सामने

क्या है देश के एडुटेक सेक्टर की स्थिति

निवेशक यहां के एडुटेक सेक्टर को लेकर अभी बेफिक्र नहीं हैं। ट्रैक्शन के आंकड़ों के हिसाब से पिछले साल के मुकाबले इस साल फंडिंग 80 फीसदी से अधिक गिर गई। इस साल के पहले आठ महीने में एडुटेक स्टार्ट-अप ने महज 22 करोड़ डॉलर का निवेश जुटाया। पिछले साल 243 करोड़ डॉलर, 2021 में 404 करोड़ डॉलर, 2020 में 202.9 करोड़ डॉलर और 2019 में 59.8 करोड़ डॉलर का निवेश आया था यानी कि इस साल कोरोना से पहले के मुकाबले भी स्थिति खराब है।

Edtech-investments

क्या है सबसे बड़ी दिक्कत

एक निवेशक का कहना है कि सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि सिर्फ मल्टी-बिलियन मार्केट कहना ही काफी नहीं होगा बल्कि इसे करके दिखाना भी होगा। वर्षों तक बायजूज ने इस मौके को भुनाया लेकिन यह अपने वैल्यूएशन के करीब भी नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत का एडुटेक मार्केट वास्तव में कितना बड़ा है। हाल ही में एक इंटरव्यू में क्यूमैथ के फाउंडर और सीईओ मनन खुरमा ने कहा था कि ऑनलाइन एडुकेशन सेक्टर में बायजूज की चुनौतियों के चलते अब भारतीय एडुटेक सेक्टर को लेकर संदेह का माहौल तैयार हुआ है और ऐसा जब होता है तो पूरी इंडस्ट्री को झटका लगता है। खुरमा ने मनीकंट्रोल से कहा था कि अब निवेशक भारतीय एडुटेक सेक्टर में निवेश को लेकर काफी सावधानी बरत रहे हैं।

लेकिन अपस्किलिंग को लेकर निवेशकों में है क्रेज

एडुटेक सेक्टर को लेकर माहौल खराब हुआ है लेकिन स्किल बढ़ाने वाली यानी अपस्किलिंग जैसे कुछ सेक्टर में निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है। ट्रैक्सन के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक हायर एडुटेक में निवेश पिछले साल की तुलना में सिर्फ 13 फीसदी कम है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़े कोर्सेज के लिए अपस्किलिंग सेगमेंट में भी मजबूत तेजी दिख रही है। इस महीने की शुरुआत में अपस्किलिंग स्टार्टअप Disprz ने 3 करोड़ डॉलर जुटाए। एक और हायर एडुकेशन और अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म एरुडिटस ने 15 करोड़ डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा है और इसमें निवेशकों की रुचि भी दिख रही है। अपग्रेड ने इस साल मार्च में राइट्स इश्यू के जरिए 300 करोड़ रुपये इंटरनल राउंड में जुटाए। फिजिक्सवाला भी 25 करोड़ डॉलर जुटाने की तैयारी में है।



Source link