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Chhattisgarh

PSC की शोक सभा: आयोग की तस्वीर पर हार चढ़ाकर नारे लगाने लगे भाजपाई, राज्यपाल के जरिए CBI जांच की मांग



रायपुर9 मिनट पहले

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रायपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गुरुवार शाम विरोध प्रदर्शन किया। ये विरोध सीजीपीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी के खिलाफ था। कलेक्ट रेट घोरमोड़े से लगे अंबेडकर चौक पर पहुंचे नेता गौरीशंकर श्रीवास, उमेश घोरमोड़े के हाथ में तस्वीर थी। इस फ्रेम में पीएससी ने लिखा था, इस पर हारकर नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसे पीएससी की शोक सभा का नाम दिया गया।

राज्यपाल से मिलीजुली सीबीआई जांच की मांग की गई।

राज्यपाल से मिली-जुली सीबीआई जांच की मांग की गई।

इससे पहले भाजपा नेताओं ने राजभवन जांच राज्यपाल हरिचंदन से मुलाकात की। सीजीपीएससी के मामले में दर्जियों को लेकर शिकायत की ओर उन्हें बताया कि इस मामले में दखल दें और जांच करवाएं। सीजीपीएससी मामले में राज्यपाल से सीबीआई जांच की मांग की गई है।

इन नामों की वजह से विवाद
सीजी-पीएससी के रिजल्ट में टॉप 20 में नामांकन लोगों का नाम है, वे बड़े अधिकारी, बिजनेसमैन या फिर कांग्रेस नेताओं के रिश्ते हैं। पहले नंबर पर प्रज्ञा नायक हैं जिनके पिता शिक्षा विभाग में प्रतिबंधित हैं लेकिन अंकल पुलिस विभाग में डीएसपी रैंक के अधिकारी और राजनांदगांव में पदस्थ हैं। प्रज्ञा के भाई प्रखर नायक को भी टॉप टेन में जगह मिली है। दूसरे अंबर पर अनन्या अग्रवाल का नाम है जिसे एक बड़े व्यवसायी परिवार का सदस्य बताया जा रहा है। इसके बाद शशांक गोयल और भूमिका को कटिहार का नाम दिया गया है। ये दोनों पति-पत्नी हैं जो कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी और दामाद हैं। उन्होंने कांग्रेस को लेकर कहा था कि ये कांग्रेस में नहीं हैं।

सातवें रैंक पर नितेश का नाम है। सूची में इन्हें सरनेम उजागर नहीं किया गया है। इसे पीएससी के दावे वाला सोनवानी का दत्तक पुत्र बताया गया है। राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो की बेटी नेहा और बेटा निखिल दोनों ने टॉप 20 में जगह बनाई है। ये नौवें और 12वें नंबर पर हैं। 11वें नंबर पर साक्षी ध्रुव का नाम है जो आईपीएस के एल ध्रुव की बेटी हैं। ध्रुव अभी बस्तर में आईजी श्रेणी के अधिकारी हैं। 16वें नंबर पर स्वर्णिम शुक्ला का नाम है। ये बिलासपुर कृषि भविष्यवाणी के अध्यक्ष, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे हैं।

सीएम कह चुके हैं भाजपा का माहौल खराब कर रहा है
पीएससी 2021 के संबंध में भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में चयनित उम्मीदवारों से किसी के ब्यूरोकैट और राजनीतिक परिवार का होना कोई अपराध नहीं है। सबसे पहले बीजेपी के समय में भी अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चों का चयन किया गया है। और मेरे पास पहले भी लोगों का चयन कर रहे हैं। लेकिन उसे उजागर करोगे तो उन बच्चों का मन खराब होगा।

सीएम ने कहा कि सोशल मीडिया में जो चीजें उठाई जा रही हैं, वो दुर्भाग्यजनक है। अगर बीजेपी के पास तथ्य हैं तो उसके सामने लाये, चयन में कोई गड़बड़ी है तो अवश्य बताएं। इसकी जांच करेंगे। भाजपा प्रदेश का माहौल खराब कर रहा है। बस आरोप लगाने से आपका कद बड़ा नहीं होगा। बीजेपी नेताओं के बच्चों को अगर विधानसभा या दस बजे टिकट दिया जाता है। तब कहा जाता है कि योग्यता के आधार पर दिया गया है। लेकिन जब अधिकारियों और नेताओं के बच्चों का पीएससी की परीक्षा में चयन हो रहा है, तब सवाल पूछे जा रहे हैं। ये bjc का दोहरा चरित्र है। इस विवाद के बीच कुछ दिन पहले कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली और 20 से अधिक उम्मीदवारों के नाम बताएं जो आपके मेरे भाई, बहन, पति, पत्नी और अधिकारियों के रिश्ते हैं।



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