कुछ ही क्षण पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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फलक की फिल्म ‘चम्पारण मटन’ ऑस्कर के स्टूडेंट एकेडमी अवार्ड्स के सेमीफाइनल में नॉमिनेट हुई है।
ऑस्कर अवॉर्ड्स की गिनती दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स में होती है। हाल ही में RRR के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। अब खबर है कि बिहार के बैकग्राउंड पर बनी फिल्म ‘चम्पारण मटन’ ऑस्कर के स्टूडेंट एकेडमी अवार्ड्स के सेमीफाइनल में नॉमिनेट हुई है।
इस फिल्म को नैरेटिव केटेगरी में शामिल किया गया है। फिल्म में एक्ट्रेस फलक खान ने मुख्य भूमिका निभाई है।
फलक ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है।
मुजफ्फरपुर से इंजीनियरिंग करने वाली फलक खान कैसे बनी एक्टर
बिहार की बेटी फलक खान अपनी शॉर्ट फिल्म ‘चम्पारण मटन’ को लेकर चर्चा में हैं। इन्होंने MIT मुजफ्फरपुर से इंजीनियरिंग की और फिर मुंबई से MBA की पढ़ाई की। मुंबई में रहते हुए इन्होंने डायरेक्शन और एडिटिंग की भी जानकारी ली और छोटी-मोटी फिल्मों में काम करने शुरू किया।
हाल ही में इनकी फिल्म ‘चम्पारण मटन’ ऑस्कर के स्टूडेंट अकेडमी अवार्ड्स के सेमाइफाइनल तक पहुंच गयी है जहां अब इस फिल्म का मुकाबला सेमाइफाइनल की दौड़ में चुनी गईं 16 फिल्मों से होगा।
आधे घंटे की इस डिप्लोमा फिल्म की कहानी लॉकडाउन की वजह से नौकरी छूट जाने पर और अपने गांव वापस लौट जाने के बाद एक कपल को क्या-क्या समस्याओं का सामना करना पड़ता है- इसी पर आधारित है। फिल्म में हर चुनौतियों पर खरा उतरना और कभी हार न मानने वाला जज्बा बड़े ही इमोशनल तरीके से दिखाया गया है।

मनोज बाजपेयी के साथ फलक खान।
‘तकलीफ होती है, जब नॉन डिजर्विंग स्टारकिड 10-15 फिल्में कर लेते हैं’
नेपोटिज्म के बारे में जब चर्चा हुई तो फलक ने कहा, ‘स्टार किड्स को चांस देना गलत नहीं है, लेकिन मुझे तकलीफ तब होती है जब उनमें एक्टिंग की क्वालिटी नहीं होती है पर फिर भी वे 10-15 फिल्में कर लेते हैं।
ऐसा जरूरी नहीं है कि एक्टर के बेटे में एक्टिंग एबिलिटी हो।’ आगे सुशांत सिंह राजपूत की बात पर उन्होंने दुख जताते हुए कहा, ‘जब किसी छोटे शहर से कोई शख्स इतने बड़े मुकाम पर पहुंचता है, तो उसको देखकर एक नहीं बल्कि हजारों लोग इंस्पायर होते हैं।’

कई अवॉर्ड्स जीत चुकी हैं फलक खान।
इंडस्ट्री की बातें तुरंत बाहर आती हैं
जब उनसे पूछा गया कि सुशांत सिंह राजपूत और ड्रग्स के ऊपर उनकी क्या राय है तो उन्होंने कहा कि, ‘फिल्म इंडस्ट्री एक ग्लैमर और मीडिया बेस्ड इंडस्ट्री है इसीलिए यहां की चीजें बहुत नेगेटिव तरह से तुरंत बाहर आती हैं।’
फलक ने बताया कि ये सब आपकी निजी चॉइस पर निर्भर करता है, ऐसा नहीं है कि बाहर के लोग ड्रग्स नहीं लेते हैं।