OYO IPO: दिग्गज हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल टैक स्टार्टअप ओयो (OYO) आईपीओ लाने की तैयारी में है। इस आईपीओ से पहले यह बड़े स्तर पर बदलाव हो रहे हैं। ताजा बदलाव ये है कि कंपनी के सीईओ (इंडिया) अंकित गुप्ता ने कंपनी छोड़ दी है। इसके अलावा ओयो को यूरोपीय कारोबार के प्रमुख मंदर वैद्य (Mandar Vaidya) ने भी कंपनी छोड़ दिया है। अंकित ने 2019 में ओयो को ज्वॉइन किया था और करीब एक साल तक इसके फ्रेंचाइजी और फ्रंटियर बिजनेस के सीईओ की जिम्मेदारी संभालने के बाद मार्च में इस्तीफा दिया था।
मंदर ने भी ओयो को 2019 में ज्वॉइन किया था। उन्हें यूरोपीय कारोबार की जिम्मेदारी अप्रैल 2021 में मिली थी और इससे पहले वह दक्षिण एशिया और मिडिल ईस्ट कारोबार के लिए सीएक्सओ (चीफ एक्सपीरिएंस ऑफिसर) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मंदर ने भी मार्च में इस्तीफा दिया था। ओयो में आने से पहले दोनों ही मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकिंसी (McKinsey) में थे। कंपनी का कहना है कि मार्च में इस्तीफे के बाद ही अंकित के स्थान पर सीओओ इंडिया वरुण जैन और मंदर के स्थान पर सीईओ ओयो वैकेशन होम्स गौतम स्वरुप को जिम्मेदारी दे दी गई थी।
OYO में इस साल हो चुके हैं बड़े बदलाव
ओयो में इस साल टॉप लेवल पर बड़े बदलाव हो चुके हैं। अंकित और मंदर के अलावा जून में CTO अंकित मथुरिया ने भी कंपनी छोड़ दिया था। फरवरी में ओयो ने अपने टॉप डेक में भी बदलाव किया था और टॉप के अधिकारियों को आंतरिक रूप से अधिक काम करने को कहा था। इसके अलावा ओयो में इस साल और भी बड़े बदलाव हो चुके हैं। ओयो ने अपनी दो यूनिट्स को आपस में मिला दिया जिसके बाद ग्लोबल सीओओ और प्रोडक्ट डिविजन के प्रमुख अभिनव सिन्हा को चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर बना दिया है।
इसके अलावा कंपनी को चीफ मर्चेंट ऑफिसर अरुण तेजपाल को इंडिया मर्चेंट टीम का नेतृत्व करने को कहा गया था। चीफ सर्विस ऑफिसर श्रीरंग गोडबोले को अपने पद के अलावा डेटा साइंस डिवीजन को लीड करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। इसी तरह ओयो के सीईओ-इंटरनेशनल गौतम स्वरूप को कंपनी की वेडिंग ऑर्गेनाइजिंग इकाई को चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
OYO IPO का क्या है हाल
अब ओयो के आईपीओ की बात करें तो इसने दोबारा ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया है। कंपनी ने यह ड्राफ्ट प्री-फाइलिंग रूट के तहत फाइल किया है। कंपनी की योजना 270 करोड़ डॉलर के वैल्यूशन पर 100 करोड़ डॉलर जुटाने की है। पहले कंपनी ने 1000 डॉलर की वैल्यू तय की थी लेकिन दुनिया भर में टेक स्टॉक्स की पिटाई के चलते इसके वैल्यूएशन को भी झटका लगा।