राज्य में कांग्रेस पूरी तरह कमलनाथ के छाते के नीचे एकजुट खड़ी नजर आ रही है तो वहीं पार्टी की एकजुटता के लिए सभी नेता सक्रिय हैं। एक तरफ जहां पार्टी की एकजुटता का अभियान तेजी से चल रहा है, तो वहीं बीजेपी के असंतुष्टों का कांग्रेस में प्रवेश लगातार जारी है।

मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव से पहले दलबदल जोरों पर है और इस मामले में भी कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले बढ़त मिली हुई है। बीजेपी समेत कई दलों के बड़े नेता लगातार कांग्रेस में शामिल होते जा रहे हैं, जिससे कांग्रेस का कुनबा बढ़ने के साथ ही पार्टी की ताकत भी बढ़ती जा रही है। राज्य में कांग्रेस पूरी तरह कमलनाथ के छाते के नीचे एकजुट खड़ी नजर आ रही है तो वहीं पार्टी की एकजुटता के लिए सभी नेता सक्रिय हैं।
एक तरफ जहां पार्टी की एकजुटता का अभियान तेजी से चल रहा है, तो वहीं बीजेपी के असंतुष्टों का कांग्रेस में प्रवेश लगातार जारी है। हाल ही में जहां बीजेपी के बड़े नेता के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कांग्रेस का दामन थामा तो वहीं तीन बार के बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित होने वाले पूर्व विधायक देशराज सिंह यादव के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली है।
यह सिलसिला लगातार आगे बढ़ता जा रहा है और बीते रोज समाजवादी नेता और पूर्व विधायक कंकर मुजारे की पत्नी बालाघाट की अनुभा मुंजारे ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इसी तरह सतना के वरिष्ठ नेता सईद अहमद ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली। वहीं, अम्बाह जिला मुरैना के अभिनव छारी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए।
इसी कड़ी में मुरैना के महेश मावई पूर्व सदस्य जिला पंचायत ने बीएसपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली और वेदांती त्रिपाठी राष्ट्रीय अध्यक्ष, पत्रकार कल्याण परिषद ने भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इसके अलावा सागर जिले के नरयावली विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रदीप लारिया के रिश्ते के भाई डॉ. हेमंत लारिया ने भी अपने सैकड़ों साथियों के साथ बीजेपी छोड़ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के अनेक नेता उनके संपर्क में है। इसी तरह के दावे कांग्रेस के बाकी तमाम नेता भी कर रहे है। इन सबके बीच इतना तो साफ है कि बीजेपी और अन्य दलों से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस की ताकत जरुर बढ़ रही है।