26 अक्टूबर 1996….जगह चेक गणराज्य का मोस्ट शहर. यहां की रहने वाली 34 साल की जरोसलावा को एक लेटर मिलता है. गुलाबी रंग के महकते इस खत में प्यार का इजहार था…ये प्यार का इजहार 25 साल के एक नौजवान ने किया था मारक जिवाला ने किया था. खत में जिवाला लिखता है कि वो उसे बेहद प्यार करता है और उसके साथ डिनर करना चाहता है. जोरसला उसकी पेशकश कुबूल कर लेती है लेकिन शर्त रखती है कि जिवाला को उसके घर ही डिनर के लिए आना होगा. शाम करीब सात बजे जिवाला जरोसवाला के घर पहुंच जाता है. डिनर के बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनते हैं और तभी जिवाला जोरसला के गले में तौलिए का फंदा डालव देता है. जरोसला को लगता है कि शायद ये एक मजाक है. लेकिन फिर उसे समझ आता है कि जिवाला उसे जान से मार देना चाहता है. वो छटपटाती है लेकिन जिवाला उसका गला घोंट देता है. जुर्म की दुनिया में आज बात होगी चेक गणराज्य के सीरियल किलर मारक जिवाला की जिसने 1996 और 1998 के बीच चेक गणराज्य और स्लोवाकिया में तीन महिलाओं की हत्याएं कीं….
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