21 दिसंबर 1924…पोलैंड के शहर मुस्टरबर्ग की सड़क पर विन्सेंज ओलिवियर नाम का एक बेघर आदमी डरा-सहमा से सड़क पर दौड़ता दिखाई देता है। ओलिवर के सिर पर किसी ने कुल्हाड़ी से वार किया था। उसका पूरा शरीर खून से लथपथ था और वो मदद की गुहार लगा रहा था. स्थानीय पुलिस के एक सिपाही ने ओलिवर को रोका और तुरंत अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में ओलिवर ने बताया कि कार्ल डेन्के नाम के शख्स ने उस पर हमला किया है। पुलिस डेन्के की तलाश में निकलती है और उसके घर पहुंचती है। 54 साल का कार्ल डेन्के पुलिस को देखकर एक कमरे में खुद को बंद कर लेता है…पुलिस दरवाजा खटखटाती है लेकिन डेन्के दरवाजा नहीं खोलता. जब काफी देर दरवाजा नहीं खुलता है तो पुलिस दरवाजे को तोड़कर कमरे में दाखिल होती है लेकिन इससे पहले ही डेन्के पंखे से लटकर खुदखुशी कर लेता है…
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