ये दोनों ऐसे दल हैं, जो बीजेपी के साथ रह चुके हैं। इन्हें बीजेपी के साथ काम करने का अनुभव भी है। लेकिन, ये भी अब तक अपना पत्ता नहीं खोल रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से अलग हुई पार्टी लोजपा दो गुटों में बंट चुकी है। फिलहाल पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा एनडीए के साथ खड़ी है। चिराग भले ही प्रत्यक्ष रूप से एनडीए के साथ नहीं हों, लेकिन भाजपा पर वे कभी हमलावर नहीं दिखे हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके निशाने पर रहे हैं।
इधर, पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी की बात करें तो वह बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन और एनडीए से समान दूरी बनाए हुए हैं। हाल के दिनों में हालांकि वीआईपी के नेता बीजेपी पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं, लेकिन आरजेडी और जेडीयू के खिलाफ बोलने से बच रहे।