वॉशिंगटन/इस्लामाबाद19 मिनट पहले
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तस्वीर पाकिस्तान के पूर्व पीएम शाहबाज शरीफ और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की है।
पाकिस्तान को कई महीनों की मीटिंग्स के बाद जुलाई 2023 में IMF से 3 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला था। अब अमेरिकी मीडिया हाउस द इंटरसेप्ट ने दावा किया है कि इस लोन को हासिल कराने में अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई थी।
इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक IMF से लोन हासिल करने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका के साथ हथियारों की सीक्रेट डील करनी पड़ी थी। अमेरिका ने पाकिस्तान से हथियार लेकर उन्हें रूस से जंग लड़ रहे यूक्रेन को दिया।
इंटरसेप्ट ने लिखा है कि अप्रैल 2022 में पाकिस्तान की सेना ने अमेरिका के उकसावे पर इमरान खान को सत्ता से बाहर कराया। इसके बाद से पाकिस्तान अमेरिका के काम आने वाला समर्थक बनकर उभरा है। इसके बदले में अमेरिका ने पाकिस्तान को IMF से लोन मुहैया कराने में मदद की।
इससे पाकिस्तान कंगाल होने से बचा और सरकार को चुनाव टालने में मदद मिली। मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के आरिफ रफीक ने द इंटरसेप्ट को बताया कि पाकिस्तान का लोकतंत्र यूक्रेन जंग का शिकार बना है।

तस्वीर अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान की है। (फाइल)
हथियार बेचकर पाकिस्तान को 900 मिलियन डॉलर मिले
पाकिस्तान जंग में इस्तेमाल होने वाली आर्टिलेरी और शेल्स के प्रोडक्शन के लिए मशहूर है। वहीं, यूक्रेन में एक साल से जारी जंग की वजह से इन हथियारों की भारी किल्लत दर्ज की गई है। ओपन सोर्स वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक जंग में यूक्रेन की तरफ से पाकिस्तान में बने हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है।
हालांकि, अभी तक न तो अमेरिका और न ही पाकिस्तान ने इस बात की पुष्टि की है। इंटरसेप्ट को 2022-23 में पाकिस्तान की तरफ से बेचे गए हथियारों के दस्तावेज मिले हैं। इन पर अमेरिका के ब्रिगेडियर जनरल के दस्तखत भी हैं। अमेरिका-पाकिस्तान के बीच ये डील ग्लोबल मिलिट्री प्रोडक्ट्स ने कराई थी।
द इंटरसेप्ट की जांच के अनुसार 23 मई, 2023 को पाकिस्तानी राजदूत मसूद खान ने वाशिंगटन डी.सी. में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के असिस्टेंट सेक्रेटरी डोनाल्ड लू से मुलाकात की। इसका मकसद पाकिस्तान को यूक्रेन को हथियार देने के लिए राजी करना था। ताकि IMF की नजरों में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर दिख सके।
इसी बैठक में हथियारों की डील कराने के लिए पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम और तत्कालीन वित्त मंत्री इशाक डार के बीच होने वाली बैठक की व्यवस्था कराई गई। लू ने 23 मई की बैठक में खान को बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान के हथियारों के लिए भुगतान को मंजूरी दे दी है। वो IMF को भी उनके बीच हुई सीक्रेट डील के बारे में बता देंगे।
लू ने बताया कि पाकिस्तानियों का मानना है कि हथियारों से 900 मिलियन डॉलर मिलेंगे। यह IMF की तरफ से जरूरी वित्तीय मदद में बाकी अंतर को खत्म करने में मदद करेगा जो करीब दो अरब डॉलर का था। दरअसल, IMF ने कर्ज देने से पहले पाकिस्तान के सामने शर्त रखी थी कि उसे किसी दूसरे देश से कम से कम 2 अरब डॉलर कर्ज लेना होगा और उसे अपने फॉरेन रिजर्व में बतौर गारंटी मनी डिपॉजिट करना पड़ेगा।
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