जिनेवा. पिछले साल चक्रवात (Cyclone), बाढ़ (Flood), सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) के कारण भारत को करीब 87 अरब डॉलर यानी 6535 अरब रुपये का नुकसान हुआ है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization-WMO) की मंगलवार को जारी ‘स्टेट ऑफ द क्लाइमेट इन एशिया’ की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन को सबसे अधिक 238 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. नुकसान के मामले में भारत का दूसरा स्थान है और जापान 83 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि अम्फान जैसे तूफान की वजह से भारत में 24 लाख और बांग्लादेश में 25 लाख लोग विस्थापित होने को मजबूर हुए.
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले शिखर सम्मेलन, COP26, स्कॉटलैंड के ग्लासगो में शुरू होने से कुछ ही दिन पहले यह रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल एशिया ने रिकॉर्ड गर्मी देखी है. एशिया का औसत तापमान 1981-2010 की तुलना में 1.39 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है. वहीं, दक्षिण और पूर्व एशिया में मानसून के असामान्य रूप से सक्रिय रहने के कारण कई देशों में भयंकर नुकसान हुआ है.
क्या होता है ला नीना इफेक्ट, जिससे भारत में पड़ेगी घनघोर ठंड
चक्रवात, मानसून की बारिश और बाढ़ ने दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया में घनी आबादी वाले क्षेत्रों को प्रभावित किया है. पिछले साल भारत, चीन, बांग्लादेश, जापान, पाकिस्तान, नेपाल और वियतनाम में लाखों लोगों का विस्थापन हुआ है.
अक्टूबर में क्यों हो रही है इतनी बारिश? वैज्ञानिकों ने बताई यह वजह
WMO ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि एशिया में और उसके आसपास समुद्र की सतह का तापमान वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक बढ़ रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा और पोषण पर प्रगति भी धीमी हो गई है. पिछले साल दक्षिण पूर्व एशिया में 48.8 मिलियन, दक्षिण एशिया में 305.7 मिलियन और पश्चिम एशिया में 42.3 मिलियन लोगों के कुपोषित होने का अनुमान है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Climate Change, Cyclone, Natural Disaster